नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण हाल ही में उत्पन्न भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद सरकार ने आवश्यकता के आधार पर एनबीएस सब्सिडी दरों के अतिरिक्त विशेष पैकेज प्रदान करके किफायती मूल्यों पर उर्वरकों की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित की है। ताकि उर्वरकों का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) स्थिर रहे और बाजार में उतार-चढ़ाव को कम किया जा सके। सरकार ने रबी 2021-22 में दो बार, फिर खरीफ 2022, रबी 2022-23, खरीफ और रबी 2024 में एनबीएस दरों के अतिरिक्त विशेष/अतिरिक्त पैकेज प्रदान किए हैं।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
मंत्री ने बताया कि अपने स्रोतों में विविधता लाने के लिए भारत सरकार उर्वरक संसाधन संपन्न देशों के साथ संपर्क करती है और भारत को उर्वरकों, मध्यवर्ती पदार्थों और कच्चे माल की आपूर्ति के लिए भारतीय उर्वरक कंपनियों और संसाधन संपन्न देशों के आपूर्तिकर्ताओं के बीच दीर्घकालिक समझौतों पर हस्ताक्षर करने की सुविधा प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि किसानों को उत्पादन लागत की परवाह किए बिना वैधानिक रूप से अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर यूरिया उपलब्ध कराया जाता है। यूरिया के 45 किलोग्राम बैग का सब्सिडी वाला एमआरपी 242 रुपये (नीम कोटिंग और लागू करों के लिए शुल्क के अलावा) प्रति बैग है। यूरिया की खेत पर आपूर्ति की गई लागत और यूरिया इकाइयों द्वारा शुद्ध बाजार प्राप्ति के बीच का अंतर भारत सरकार द्वारा यूरिया निर्माता अथवा आयातकर्ता को सब्सिडी के रूप में दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि पीएंडके उर्वरकों के आयात को नियंत्रणमुक्त कर दिया गया है और कंपनियां अपने व्यापार की गतिशीलता के अनुसार उर्वरक कच्चे माल, बिचौलियों और तैयार उर्वरकों का आयात और उत्पादन करने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, सरकार प्रमुख उर्वरकों और कच्चे माल के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों पर नज़र रखती है।
साभार – हिस
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