नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने मंगलवार को दिल्ली और पश्चिम सरकार पर केन्द्र की योजनाओं को नहीं लागू करने का आरोप लगाया। शास्त्री भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि पश्चिम बंगाल ने अभी तक राज्य में 181 महिला हेल्पलाइन को नहीं लागू किया। इसके साथ फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों (एफटीएस) का संचालन भी नहीं किया जबकि पश्चिम बंगाल में 49,580 बलात्कार और पोक्सो मामले सामने आए हैं। इन मामलों के बाद भी 11 विशेष अदालतों को शुरू करने की दिशा में कदम नहीं उठाए गए।
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि दिल्ली सरकार भी महिलाओं के सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। दिल्ली सरकार ने संकट में महिलाओं की सहायता के लिए निर्भया कोष के तहत स्थापित वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) के कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया है। मंत्री ने कहा कि केंद्र ने निर्भया फंड जैसी पहलों के माध्यम से लगातार राज्यों का समर्थन किया है लेकिन राज्य स्तर पर कार्यान्वयन में देरी होना बेहद चिंताजनक और निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि देश में 802 वन स्टाप सेंटर हैं, जिसमें अब तक 10 लाख से अधिक महिलाओं की सहायता की है।
उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार ने जेंडर बजट को बढ़ाकर तीन गुना कर दिया। जेंडर बजट साल 2013-14 में 97,000 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर 2024-25 में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह कानून संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रगति महिलाओं के सशक्तीकरण पर निर्भर करती है।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने भी मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक भागीदारी में सुधार के लिए सरकार की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 2024 में लोकसभा के लिए चुनी गई रिकॉर्ड 74 महिलाएं शामिल हैं।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के तहत राष्ट्रीय जन्म अनुपात 2014-15 में प्रति 1,000 लड़कों पर 918 लड़कियों से बढ़कर 2023-24 में 930 हो गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक महिलाओं को आवास प्रदान किया गया है ।
साभार – हिस