नई दिल्ली। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने शिकायतों के समाधान में तेजी लाने के लिए अपने कन्वर्जेंस कार्यक्रम के तहत 1000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी की है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग का कहना है कि ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, खुदरा दुकानें, ऑटोमोबाइल, डीटीएच व केबल सेवाएं और बैंकिंग समेत प्रमुख क्षेत्रों में फैली हुई हैं। इन कन्वर्जेंस कंपनियों से जुड़ी शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।
भारत सरकार का उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) शिकायत निवारण प्रक्रिया में सुधार के लिए नियमित रूप से शिकायत डेटा को मॉनीटर करता है। हाल ही में, विभाग ने शीर्ष दस नॉट-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है, जिन्हें मौजूदा वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्प.कॉम, डोमिनोज पिज्जा, हेयर अप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिंफनी लिमिटेड शामिल हैं। इन कंपनियों के साथ चल रही शिकायतों पर चर्चा करने, उन्हें संबोधित करने और उन्हें कन्वर्जेंस पार्टनर के रूप में शामिल करने के लिए अगले सप्ताह एक बैठक निर्धारित है।
एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में सार्थक बढ़ोतरी हुई है। एनसीएच की ओर से प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल यानी लगभग दस गुना तक कॉल बढ़ गई हैं। यह तेज बढ़ोतरी अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते भरोसे को दिखाती हैं। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई हैं।
साभार -हिस