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जमशेदपुर में लोगों ने उन्हें जिताने का संकल्प लिया
जमशेदपुर में भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा साहू के बेटी कहने से लोग भावुक हो गये हैं। उनके एक वादे ने शहर के बस्तीवासियों के दिलों में एक नई उम्मीद जगा दी है। साहू ने खुद को बस्तीवासियों की ‘बेटी’ बताते हुए चुनावी प्रचार के दौरान लोगों से कहा कि वह हर उस समस्या को हल करने के लिए तैयार हैं जो लंबे समय से उनकी जिंदगी को प्रभावित कर रही है। पूर्णिमा साहू का यह भावनात्मक संदेश और जनता से जुड़ाव का तरीका जनता के दिलों को छू गया और लोगों ने भी उन्हें जिताने का संकल्प ले लिया।
बस्तीवासियों की समस्याओं पर फोकस
पूर्णिमा साहू ने जमशेदपुर की 86 बस्तियों में पानी की किल्लत, बिजली और अन्य सुविधाओं की कमी का उल्लेख करते हुए कहा कि वह अपने क्षेत्र के सभी बस्तीवासियों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उनके अनुसार, उन्होंने खुद भी बस्तियों की स्थिति को करीब से देखा है और वह हर उस समस्या को हल करने का प्रयास करेंगी, जो वर्षों से इन बस्तियों को जकड़े हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बस्तीवासी अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, और उनके जीवन में राहत लाना ही उनकी प्राथमिकता होगी।
बेटी का संबोधन बना सशक्त संदेश
पूर्णिमा साहू ने बस्तीवासियों को ‘बेटी’ के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि वे चुनाव जीतने के बाद उनकी सभी समस्याओं का समाधान करेंगी। उन्होंने बस्तीवासियों से यह अपील की कि वे उन्हें अपनी बेटी की तरह अपनाएं और उनके साथ मिलकर हर चुनौती का सामना करें। उनका यह बयान जनता के बीच तेजी से लोकप्रिय हो गया और लोगों ने इसे उनके समर्थन में एक सकारात्मक संदेश के रूप में लिया।
‘बेटी’ को जिताने का संकल्प
साहू के इस संबोधन के बाद बस्तीवासियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और उन्होंने ‘बेटी’ को जिताने का संकल्प लिया। बस्तीवासियों का कहना है कि पूर्णिमा साहू का यह आत्मीय संबोधन उनके दिलों को छू गया है और वे अब अपनी बेटी को विजयी बनाकर विधानसभा में भेजने के लिए तैयार हैं। लोगों का कहना है कि वे वर्षों से अपनी समस्याओं के लिए किसी सशक्त नेतृत्व की तलाश में थे, और अब उन्हें अपनी बेटी के रूप में एक ऐसा चेहरा मिला है जो उनकी बात सुनने और समझने का वादा करती है।
जनता का समर्थन और प्रतिक्रियाएं
बस्तीवासियों में हर उम्र के लोग साहू का समर्थन करने के लिए आगे आए हैं। बुजुर्गों से लेकर युवा वर्ग तक, सभी ने उन्हें समर्थन देने की इच्छा जाहिर की है। बस्ती के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने कई नेता देखे हैं, लेकिन किसी ने भी उनके दिल को इस तरह से नहीं छुआ। एक बुजुर्ग महिला ने कहा, “पूर्णिमा ने खुद को हमारी बेटी कहा, अब हम उन्हें जीताकर विधानसभा भेजेंगे ताकि वह हमारी समस्याओं का हल कर सकें।”
युवा वर्ग का कहना है कि साहू का विजन साफ है और उनकी प्रतिबद्धता बस्तीवासियों के प्रति दृढ़ है। एक युवक ने कहा, “हम सभी ने मिलकर फैसला कर लिया है कि इस बार हमारी ‘बेटी’ को ही जिताएंगे। वह हमारी समस्याओं को समझती हैं और उनके समाधान का भी रोडमैप लेकर आई हैं।”
पानी और बिजली की समस्या का समाधान
पूर्णिमा साहू ने बस्तीवासियों की मुख्य समस्याओं जैसे पानी की कमी और बिजली की अनियमितता पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने वादा किया कि यदि वे विजयी होती हैं, तो बस्तीवासियों को 24 घंटे साफ पानी और निर्बाध बिजली की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए वे एक सटीक योजना बनाकर काम करेंगी ताकि बस्ती के हर घर तक ये सुविधाएं पहुंचाई जा सकें।
महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार पर जोर
पूर्णिमा साहू ने अपने प्रचार के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और उनके लिए रोजगार के अवसरों पर भी जोर दिया। उन्होंने वादा किया कि महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने परिवार का आर्थिक सहयोग कर सकें। इसके अलावा, साहू ने बस्तीवासियों की सुरक्षा के लिए भी पुख्ता कदम उठाने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल तैयार करना होगा।
पूर्णिमा साहू का संदेश – एक नई शुरुआत की ओर
अपनी योजनाओं और संकल्प के बारे में बात करते हुए साहू ने कहा, “यह चुनाव मेरे लिए एक अवसर नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। मैं अपनी बस्तीवासियों की बेटी हूं और उनके लिए एक नई शुरुआत करना चाहती हूं। मेरे लिए जनता की समस्याओं का समाधान सबसे पहले है।” उनके इस बयान से स्पष्ट होता है कि वे बस्तीवासियों के प्रति कितनी प्रतिबद्ध हैं और उनकी समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए गंभीर हैं।
भावनात्मक और सशक्त संदेश बस्तीवासियों के बीच गूंजा
पूर्णिमा साहू का भावनात्मक और सशक्त संदेश बस्तीवासियों के बीच गूंज उठा है और लोग उन्हें चुनाव में विजयी बनाने के लिए संकल्पित हो चुके हैं। साहू ने जनता के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है और बस्तीवासियों का मानना है कि उनके रूप में उन्हें एक ऐसा नेतृत्व मिला है जो उनकी समस्याओं को समझता है और उन्हें हल करने का संकल्प लेता है। चुनावी रेस में अब देखना यह होगा कि बस्तीवासी अपनी बेटी को विजयी बनाकर विधानसभा भेजने का सपना कितना पूरा कर पाते हैं।
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