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महाचक्रवात के कारण दीघा में समुद्र में उठ रही लहरें।

रास्ते से भटका अंफान, सुंदरवन की जगह सागरदीप में किया लैंडफाल

  • पश्चिम बंगाल में 12 की मौत, ओडिशा में सिर्फ एक बच्चे की गयी जान

  • बंगाल में सड़क और संचार सेवाएं ठप, बिजली आपूर्ति बाधित

  • हालात सामान्य होने में लगेंगे चार-पांच दिन – ममता बनर्जी

  • लोगों से राजनीति छोड़कर राहत में मदद करने का किया आह्वान

  • बंगाल और ओडिशा में लाखों पेड़-पौधों को पहुंचा नुकसान

  • बंगाल में हजारों कच्चे मकान गिरने से कई घायल

  • कई जगहों पर हवा की गति सौ किलोमीटर प्रति घंटा के पार हुई

भुवनेश्वर/कोलकाता. बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न महाचक्रवात अंफान अपना रास्ता भटकते हुए सुंदरवन की जगह सागर में लैंडफाल किया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सागर में लैंडफाल की पुष्टि की है. इस दौरान सबसे अधिक तबाही पश्चिम बंगाल में हुई है. यहां लगबग 12 लोगों की मौत होने की खबर है. हजारों की संख्या में मकानों का नुकसान पहुंचा है. लाखों पेड़-पौधे उखड़ गये हैं. संचार और बिजली सेवा ठप है. ओडिशा में पेड़-पौधों को काफी नुकसान पहुंचा है. ओडिशा के भद्रक में दीवार में दबकर एक बच्चे की मौत हो गयी है.

पश्चिम बंगाल में देर शाम को 135 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक हवा चली. पश्चिम बंगाल में पूर्वी मेदिनीपुर जिला, हावड़ा. दीघा, सुंदरवन, कोलकाता, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों, नदिया व सागरदीप, बर्दवान, बांकुड़ा जिलों में पेड़-पौधों को काफी क्षति पहुंची है. सड़कों पर पेड़ गिरे पड़े हैं. अनगिनत जगहों पर बिजली और टेलीफोन के तार टूटे पड़े होने की सूचना है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वीकार किया है कि महाचक्रवात के कारण दस से 12 लोगों की मौत होने की खबर है. दो लोगों की मौत उत्तर 24 परगना जिला के बसीरहाट में हुई है. यहां 5500 घरों को नुकसान पहुंचा है. राज्य में काफी संख्या में घरों, नदीबांधों को नुकसान पहुंचा है. काफी संख्या में पुलों को क्षति पहुंची है. ममता बनर्जी ने कहा कि सही रिपोर्ट कल मिल पायेगी.

उन्होंने राजनीति न करते हुए राहत कार्य में सबसे जुटने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यह सागर में लैंडफाल किया है. जिन जिलों की बात कही जा रही थी, उसके अलावा बर्दवान, बांकुड़ा तक इसका असर पड़ा है. कल दोपहर से राहत कार्य शुरू होगा. चार से पांच दिनों में स्थिति सामान्य होने लगने की संभावना है. खेती पूरी तरह से तबाह हो चुकी है. किसानों को सीधे पैसा दिया जा सकता है. प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट नहीं है.

हुगली के श्रीरामपुर में एक घर पर पेड़ गिरने की खबर है. इसी तरह से ओडिशा के बालेश्वर, भद्रक, जगतसिंहपुर, मयूरभंज और केंद्रापड़ा में भी काफी नुकसान हुआ है. इन क्षेत्रों में राहत कार्य तेजी से शुरू हो गया है. एनडीआरएफ, ओड्राफ, अग्निशमन विभाग टीमें रास्तों को साफ करने में जुट गयी हैं. चक्रवात आश्रय केंद्रों में लाखों लोगों को रखा गया है. यहां इनको भोजन भी प्रदान किया जा रहा है.

बंगाल में दिखा विकराल रूप

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अंफान का सबसे बड़ा विकराल रूप देखने को मिला है. यह न सिर्फ सागर हो हिट किया है, बल्कि पूरे राज्य को हिटकर गया है. राज्य में हालात बेहाल हैं. सुधरने में चार-पांच दिनों तक का समय लग सकता है. उम्मीद से कहीं अधिक अंफान की गति थी.

बांग्लादेश की ओर बढ़ा अंफान

महाचक्रवात अंफान पश्चिम बंगाल को पार करते हुए बांग्लादेश की ओर अग्रसर है. पिछले 06 घंटों के दौरान 25 किमी प्रति घंटे की गति के साथ उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ते हुए पश्चिम बंगाल को पार किया है. इसकी गति 155-165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक थी. इसके झोंकों की 185 किलोमीटर प्रति घंटे तक थी. बांग्लादेश में भी यह अति गंभीर चक्रवात के रूप में प्रवेश करेगा, जिससे वहां भी तबाही की संभावना है.  पश्चिम बंगाल के अलीपुर मौसम विभाग ने बताया कि यहां शाम 5.52 बजे 112 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली. 21 मई को अंफान की तीव्रता कम होगी और यह डिप्रेशन में तब्दील होगा.

12 घंटे बारिश की संभावना

अगले 12 घंटे तक ओडिशा के उत्तर तटीय क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. यहां बालेश्वर, भद्रक और जगतसिंहपुर जिले में भारी बारिश की संभवान जतायी गयी है.

इसी तरह से पश्चिम बंगाल के अधिकांश स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होगी तथा कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होती है. पश्चिम बंगाल के पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों, हावड़ा, हुगली, कोलकाता और आसपास के जिले में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है. पश्चिम बंगाल में 21 मई को आंतरिक जिलों में भारी बारिश की संभावना है.

ओडिशा में हरियाली को लगा ग्रहण

ओडिशा में हरियाली को प्राकृतिक आपदा की नजर लग गयी है. बीते साल इसी महीने में फनी ने हरियाली को तबाह कर दिया था. कई जिलों में अधिकांश पेड़-पौधे उखड़ गये थे. गली-गली में पेड़-पौधे गिरे थे. जंगलों में काफी क्षति हुई थी. अब ठीक सालभर बाद फिर मई में अंफान कई जिलों में अपनी विनाशलील रची है. बालेश्वर, भद्रक, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, मयूरभंज सहित कई प्रभावित जिलों में पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा है.

जागरुता रंग लाई, कुछ जान को ज्यादा नुकसान नहीं

ओडिशा में लोगों के बीच फैलाई गयी जागरुकता रंग लायी है. ओडिशा में महाचक्रवात में जान-माल को कुछ ज्यादा नुकासन नहीं हुआ है. 1999 में महाचक्रवात के कारण नौ हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इसकी तुलना में बीते साल मई में आये फनी के दौरान भी नहीं के बराबर जान को नुकसान हुआ था. अब तक ओडिशा में सिर्फ एक बच्चे की मौत की खबर है.

 

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