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वायु सेना, नौसेना और तटरक्षक आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए स्टैंडबाय पर

भुवनेश्वर. ओडिशा तट की ओर चक्रवात अंफान के आगे बढ़ने के साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) लोगों की सुरक्षा के लिए पुरी तरह से तैयार है. एनडीआरएफ के महानिदेशक सत्य नारायण प्रधान ने कहा कि ओडिशा सरकार के परामर्श से रविवार शाम तक उत्तरी तटीय जिलों में 10 टीमों को संवेदनशील इलाकों में तैनात कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि मुंडली से दो अतिरिक्त टीमें भी अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गई हैं. कुल मिलाकर एनडीआरएफ की 12 टीमें सात जिलों पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, जाजपुर, बालेश्वर, भद्रक और मयूरभंज में तैनात की गयी हैं. जरूरत पड़ने पर आठ टीमें मुंडली में स्टैंडबाय पर रहेंगी. बालेश्वर और भद्रक जिलों में एक अतिरिक्त टीम भेजी गई है.
प्रधान ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन एनडीआरएफ टीमों की तैनाती के लिए सटिक स्थान तय करेंगे. हम राज्य सरकार को पूरा समर्थन देंगे. इन सात जिलों में एनडीआरएफ की टीमों ने पहले ही जागरूकता अभियान शुरू कर दी है.
प्रधान ने यह भी कहा कि कोविद-19 के प्रकोप के मद्देनजर एनडीआरएफ की टीमों ने चक्रवात के दौरान सामाजिक दुरता मानदंडों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया है. यह पहली बार है कि हम एक साथ कोविड-19 और चक्रवात से संबंधित दो चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
चक्रवात अंफान एक महाचक्रवात के रूप में तीव्र हो गया है. प्रधान ने कहा कि पहली प्राथमिकता लोगों के जीवन की सुरक्षा करना होगी. हमने कमजोर क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. चक्रवाती तूफान के गुजरने के बाद हमारी अगली प्राथमिकता इन प्रभावित जिलों में सामान्य जीवन को बहाल करने की होगी, जैसे कि सड़क से पेड़ों को हटाना.
उन्होंने कहा कि वायु सेना, नौसेना और तटरक्षक आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए स्टैंडबाय पर हैं. हम भारतीय सेना और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं.
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