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संघ ने युवाओं से गांवों में बदलाव का वाहक बनने का किया आह्वान

  • देशभर में 72 प्रशिक्षण वर्गों में 20,615 शिक्षार्थियों ने लिया भागः सुनील आंबेकर

रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने युवाओं से आह्वान किया है कि वे गांवों में बदलाव के वाहक बनें। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा।  रांची के सरला बिरला विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के अंतिम दिन रविवार को आंबेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने बताया कि बैठक में संघ के विभिन्न कार्य योजनाओं पर चर्चा और समीक्षा की गई। आंबेकर ने इस दौरान धर्मांतरण से लेकर लोकसभा चुनाव के परिणामों का जिक्र किया और संघ के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लोकसभा चुनाव के परिणाम पर कहा कि जनता ने अपना फैसला दिया है। जनता का जो फैसला है, उसी के अनुरूप पार्टियां सरकार चला रहीं हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झारखंड के प्रांत संघचालक सच्चिदानंद लाल, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार एवं प्रदीप जोशी भी उपस्थित रहे।  अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख आंबेकर ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून की मांग की है। उन्हाेंने कहा कि जिन राज्यों में धर्मांतरण के खिलाफ कानून पहले से मौजूद है, वहां उसका क्रियान्वयन हो और दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई हो।  उन्होंने कहा कि संघ के दृष्टिकोण से पूरे देशभर में 46 प्रांत हैं। देश की युवा शक्ति काफी संख्या में संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त कर रही है और जुड़ भी रहे हैं। संघ ने वर्ष 2012 में ज्वाइन आरएसएस के तहत एक ऑनलाइन माध्यम प्रारंभ किया था। इसके अंतर्गत ऑनलाइन माध्यम से प्रतिवर्ष एक से सवा लाख लोग संघ के साथ विविध गतिविधियों में जुड़ रहे हैं। इस वर्ष भी जून के अंत तक 66,529 लोगों ने संपर्क कर संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की। इस वर्ष से संघ प्रशिक्षण वर्गों की रचना व पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया गया है। देशभर में 40 वर्ष से कम आयु के स्वयंसेवकों के लिए इस वर्ष कुल 72 वर्ग लगाए गए। इसमें संघ शिक्षा वर्ग 60, कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम 11 और कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय 01 आयोजित हुए। इनमें कुल 20,615 लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। 40 से 65 वर्ष की आयु के लोगों के लिए आयोजित 18 वर्गों में 3335 शिक्षार्थियों ने भाग लिया। पिछले वर्ष आयोजित प्राथमिक शिक्षा वर्गों में एक लाख नए लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। ऐसे ही नई रचना में सामान्य स्वयंसेवकों के लिए पहली बार प्रारंभिक वर्गों (तीन दिवसीय) का आयोजन देशभर में हो रहा है, जिसमें प्राथमिक से दोगुनी संख्या में युवा सहभागी हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि आपसी विचार विमर्श के लिए विविध संगठनों की समन्वय बैठक 31 अगस्त से दो सितंबर तक केरल के पलक्कड़ में होगी। आंबेकर ने बताया कि विजयादशमी 2025 तक देश में संघ कार्य विस्तार को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मंडल तथा शहरी क्षेत्रों में सभी बस्तियों में दैनिक शाखा का लक्ष्य तय किया है। मार्च 2024 तक देश में 58,981 मंडलों में से 36,823 मंडल में प्रत्यक्ष दैनिक शाखा है। ऐसे ही शहरी क्षेत्रों में 23,649 बस्तियों में से 14,645 बस्तियों में संघ कार्य है। शेष में साप्ताहिक अथवा मासिक संपर्क है। अभी देश में 73,117 दैनिक शाखाएं और 27,717 साप्ताहिक मिलन चलते हैं। इसके अलावा जहां शाखा कार्य अथवा संपर्क नहीं है, संघ ऐसे 1,58,532 गांवों में जागरण पत्रिकाओं के माध्यम से सकारात्मक संदेश, आध्यात्मिक विचार, संतों का संदेश लोगों तक पहुंचा रहा है। उन्हाेंने आगामी योजना को लेकर बताया कि यह वर्ष पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर की त्रि-शताब्दी का वर्ष है। अहिल्यादेवी ने अपने जीवन में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद एक आदर्श स्थापित किया। उनके जीवन संदेश, जीवन आदर्श को जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्वयंसेवक समाज के साथ मिलकर वर्षभर कार्य करेंगे। इसका शुभारंभ 31 मई को इंदौर से हो चुका है। सेवा के साथ स्वावलंबन पर जोर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से गौ सेवा एवं ग्राम विकास को मिलाकर विशेष योजना बना रहे हैं। दोनों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं, जिससे गांव की स्थिति बेहतर हो। संघ के स्वयंसेवक देशभर में सेवा कार्य कर रहे हैं। सेवा के साथ स्वावलंबन पर भी बल दिया जाता है, जिससे सेवा प्राप्त करने वाला स्वावलंबी बने, जहां-जहां भी संघ के स्वयंसेवक हैं, मणिपुर सहित उन सभी स्थानों पर स्वयंसेवक निरंतर सेवा कार्य करते हैं और कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी संघ की गतिविधियों को समाज से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। पंच परिवर्तन के विषयों को लेकर तैयारी भी चल रही है और समाज में निरंतर संपर्क भी चल रहा है। आंबेकर ने एक सवाल पर कहा कि संघ सीधे चुनाव के कार्य में नहीं लगता। संघ लोकमत परिष्कार, लोकमत जागरण का कार्य करता है। इस बार भी स्वयंसेवकों ने छोटी-छोटी गोष्ठियों के माध्यम से लोकमत परिष्कार का कार्य किया था।
साभार – हिस

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