नई दिल्ली। आपराधिक न्याय व्यवस्था से संबंधित तीनों नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (बीएनएसएस), भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023 (बीएनएस) और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) अधिनियम 2023 एक जुलाई से लागू हो रहे हैं। इन तीनों कानूनों के लागू होने के विरोध में डीएमके राज्यसभा सदस्य पी विल्सन ने शुक्रवार को कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। सांसद ने इन तीनों कानूनों पर विचार करने की मांग की।
मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में डीएमके सांसद पी विल्सन ने कहा कि आज कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से मुलाकात कर “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023” के कार्यान्वयन को रोकने और इन तीनों अधिनियमों को लागू करने की आवश्यकता पर विचार करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है। ये तीन संसदीय अधिनियम एक जुलाई से लागू होने वाले हैं। उनका लक्ष्य 1860 की भारतीय दंड संहिता, 1973 की आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम को प्रतिस्थापित करना है।
उन्होंने कहा कि कानून मंत्री को इन तीनों कानूनों के कारण होने वाली अशांति के बारे में वकीलों, अधिवक्ता संघों और विभिन्न राज्य बार काउंसिलों सहित हितधारकों की चिंताओं से अवगत कराया। इसके अतिरिक्त उन्हें तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बारे में भी जानकारी दी। कानून मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे इन वकीलों की मांग पर गौर करेंगे।
साभार – हिस