नई दिल्ली। देश में ग्रीन हाइड्रोजन और इसके उत्पाद की बढ़ती मांग को देखते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने हरित अमोनिया का आवंटन 5.5 लाख टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 7.5 लाख टन प्रति वर्ष कर दिया है। एमएनआरई ने शनिवार (22 जून) को एक जारी बयान में यह जानकारी दी।
एमएनआरई के मुताबिक अब तक ग्रीन अमोनिया की उपलब्ध क्षमता 5,50,000 टन प्रति वर्ष थी। इसके बाद सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) ने भी लागत आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से ग्रीन अमोनिया उत्पादकों के चयन हेतु अनुरोध किया था।
मिशन के कार्यान्वयन की गति तेज होने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से ग्रीन हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव की मांग भी बढ़ी। ऐसे में एमएनआरई द्वारा उर्वरक क्षेत्र से ग्रीन अमोनिया की मांग में वृद्धि के क्रम में आवंटन में 2 लाख टन प्रति वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।
एमएनआरई के मुताबिक राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 04 जनवरी 2023 को वित्त वर्ष 2029-30 तक 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया था। यह स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने के भारत के लक्ष्य में योगदान देगा और वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता के लिए प्रेरणा का काम करेगा।
यह मिशन अर्थव्यवस्था को काफी हद तक कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करने के साथ-साथ जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता को कम करेगा और भारत को हरित हाइड्रोजन से जुड़ी प्रौद्योगिकी और बाजार को लेकर शीर्ष स्थान तक पहुंचने में सक्षम करेगा।
साभार – हिस
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