भुवनेश्वर, केआईआईटी, कीट डीम्ड विश्वविद्यालय के विशेष दीक्षांत समारोह में प्रेरक भाषणों और संस्थान की उल्लेखनीय उपलब्धियों को मान्यता दी गई। भारत में मंगोलिया के राजदूत श्री गनबोल्ड डंबजय सहित प्रतिष्ठित वक्ताओं ने शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना की। हर साल, केआईआईटी डीयू में पढ़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक विशेष दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाता है।
महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों के लिए कीट -कीस और कीम्स की प्रशंसा करते हुए श्री दंबजय ने कहा, “किसी भी घर में असली ताकत महिलाओं की होती है। मेरे देश में, महिलाएं समाज में एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि कीस ने लड़कियों को आत्म-सशक्तिकरण की दिशा में भी अवसर प्रदान किए। समय के साथ, वे समाज को महत्त्वपूर्ण लाभ पहुंचाएंगे।”
उन्होंने युवा स्नातकों को अपनी कड़ी मेहनत और समाज के प्रति समर्पण से दुनिया को जीतने के लिए प्रोत्साहित किया।
राजदूत श्री दंबजय ने भारत और मंगोलिया के बीच ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “मंगोलियाई-भारतीय संबंध 2000 साल पुराने हैं। उन्होंने कहा, “मंगोलिया-भारतीय संबंध 2000 साल पुराने हैं। नालंदा विश्वविद्यालय में भिक्षु अध्ययन करने आते थे और वह भी ऐसे समय में जब परिवहन के कोई साधन नहीं थे।” उन्होंने आध्यात्मिक बंधन को भी याद करते हुए कहा, “यहां के सन्यासियों ने गंगा नदी से पानी एकत्र किया और इसे पूर्वी मंगोलिया में एक झील में डाला, जिसे गंगा झील के रूप में जाना जाता है।”
केआईआईटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री अशोक परीजा ने छात्रों की उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए कहा, “हमारे छात्रों ने शिक्षा के साथ-साथ अन्यान क्षेत्रों में भी अपनी अलग पहचान बनाई है।” उन्होंने कीट और कीस के संस्थापक प्रो अच्युत सामंत के अथक समर्पण को कीट की सफलता के पीछे प्रेरक शक्ति बताया और छात्रों से “चुनौती को स्वीकार करने, अपनी आकांक्षाओं में साहसी बनने और अपने कार्यों में दयालु बनने” का आग्रह किया।
केआईआईटी के प्रो- चांसलर डॉ. सुब्रत कुमार आचार्य ने विश्वविद्यालय की तीव्र प्रगति को रेखांकित किया तथा टाइम्स हायर एजुकेशन द्वारा देश में शीर्ष 10 में इसके स्थान का उल्लेख किया।
प्रो वाइस चांसलर डॉ. सीबीके मोहंती ने स्नातक छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “यह उत्तीर्ण छात्रों के शैक्षणिक करियर का यादगार लम्हा है, लेकिन यह भविष्य के लिए मील के पत्थर हासिल करने की सीढ़ी है। कृपया एक उज्ज्वल भविष्य के लिए एक सपना देखें, योजना बनाएं और आगे एक अच्छा जीवन जियें।”
कुलपति प्रो. सरनजीत सिंह ने विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा, “अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ 20 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिनमें 22 अमेरिकी विश्वविद्यालय शामिल हैं।” उन्होंने गर्व से उल्लेख किया कि केआईआईटी के टीबीआई ने स्टार्टअप ओडिशा द्वारा सफल इनक्यूबेटर पुरस्कार जीता है और पेरिस ओलंपिक के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले पांच छात्रों का जश्न मनाया।