भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ममता बनर्जी और विपक्षी गठबंधन पर ओबीसी का आरक्षण छीन कर धर्म विशेष के लोगों को देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा है कि तुष्टीकरण ही कांग्रेस और टीएमसी जैसी पार्टियों की खुराक है।
दिल्ली स्थित भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सिर्फ अपने वोटबैंक को बनाए रखने के लिए ओबीसी का आरक्षण छीन कर एक विशेष धर्म के लोगों को देना क्या न्याय संगत है? पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, उनकी वोटबैंक की राजनीति पर हाई कोर्ट से उन्हें फटकार मिली है। उन्होंने कहा कि कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2011 में, 2010 के बाद से जो अल्पसंख्यकों को ओबीसी सर्टिफिकेट जारी किये थे कई जातियों को जारी किये थे वो सरे रद्द करने का फैसला सुनाया है। सत्ता संभालते ही ममता ने वोटबैंक की राजनीति की और बिना किसी नियम का पालन करते हुए अल्पसंख्यकों को भी ओबीसी के सर्टिफिकेट जारी कर दिए। जिसे पश्चिम बंगाल हाई कोर्ट ने असंवैधानिक बताया है और उसे रद्द करने का फैसला किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने आगे कहा कि सिर्फ वोटबैंक की राजनीति करने वाली ममता बनर्जी की कलई खुल गई है, लेकिन तुष्टीकरण पर उतारू ममता बनर्जी हाईकोर्ट के फैसले को मानने की बजाय अब कह रही हैं कि वे फैसला नहीं मानती। ममता बनर्जी अपने आप को समझती क्या हैं, क्या वे संविधान के ऊपर हैं। आजतक संवैधानिक पद पर बैठे हुए किसी व्यक्ति ने कभी ये नहीं कहा कि मैं कोर्ट के फैसले को नहीं मानूँगा। शिवराज ने कहा कि ये अहंकार और अराजकता की पराकाष्ठा है। धर्म के आधार पर आरक्षण देने वाली मुख्यमंत्री को एक दिन भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है।
साभार – हिस
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