नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा चुनाव के लिए बुधवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली से पार्टी के ‘घर-घर गारंटी’ अभियान की शुरुआत की। कांग्रेस का यह चुनावी अभियान पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ पर आधारित है।
इस अभियान के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ वाला कार्ड घर-घर जाकर वितरित करेंगे। पार्टी का लक्ष्य इस कार्ड को आठ करोड़ परिवारों तक पहुंचाना है। इस अवसर पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और अन्य प्रमुख नेता मौजूद रहे।
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र पांच न्याय ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’ पर आधारित होगा। यह पांच अप्रैल को जारी किया जाएगा। उन्होंने दावा किया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘गारंटी’ लोगों को नहीं मिली, लेकिन कांग्रेस जो गारंटी दे रही है, उन पर वह अमल करेगी। खड़गे ने उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में इस अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस के पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ का उल्लेख किया।
खड़गे ने कहा कि गारंटी के कार्ड हमारे लोग घर-घर बांटेंगे। वह लोगों को बताएंगे कि हमारी सरकार आने के बाद हम क्या-क्या काम करेंगे। हम लोगों को गारंटी देते हैं कि हमारी सरकार हमेशा गरीबों के साथ रहेगी और गरीबों के लिए काम करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय की प्रमुख योजनाओं और कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी सरकारों में देश की जनता को फायदा हुआ है।
कांग्रेस ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है। पार्टी ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति आधारित जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी है।
‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने, कर्जमाफी आयोग के गठन तथा ‘जीएसटी’ मुक्त खेती का वादा किया गया है। ‘श्रमिक न्याय’ के तहत मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार देने, न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया है। ‘नारी न्याय’ के अंतर्गत ‘महालक्ष्मी’ गारंटी के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को एक-एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने समेत कई वादे किए गए हैं।
साभार – हिस