नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दो दिवसीय झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार दौरे के आखिरी दिन आज (शनिवार) भी विकास योजनाओं की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री कल झारखंड को करोड़ों रुपये की विकास योजनाएं सौंपकर पश्चिम बंगाल पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी के आज के कार्यक्रम का ब्यौरा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने एक्स हैंडल पर साझा किया है। इससे पहले 29 फरवरी को पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने प्रधानमंत्री के इस दौरे की विस्तृत जानकारी विज्ञप्ति जारी कर दी। प्रधानमंत्री आज पश्चिम बंगाल का दौरा पूरा कर आखिरी चरण में बिहार पहुंचेंगे।
भाजपा के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह 10ः30 बजे पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर के नादिया में विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। 45 मिनट बाद यहीं एक जनसभा को संबोधित करेंगे। पत्र सूचना कार्यालय के अनुसार, कृष्णानगर में प्रधानमंत्री मोदी बिजली, रेल और सड़क जैसे क्षेत्रों से संबंधित अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री पुरुलिया जिले के रघुनाथपुर में स्थित रघुनाथपुर थर्मल पावर स्टेशन चरण-द्वितीय (2×660 मेगावाट) की आधारशिला रखेंगे। दामोदर घाटी निगम की यह कोयला आधारित थर्मल पावर परियोजना में अत्यधिक कुशल सुपर क्रिटिकल तकनीक का उपयोग किया जाता है। नया प्लांट देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक कदम होगा।
प्रधानमंत्री मोदी मेजिया थर्मल पावर स्टेशन की यूनिट सात और आठ की फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन (एफजीडी) प्रणाली का उद्घाटन करेंगे। लगभग 650 करोड़ रुपये की लागत से विकसित, एफजीडी प्रणाली ग्रिप गैसों से सल्फर डाइऑक्साइड को हटा देगी और स्वच्छ ग्रिप गैस का उत्पादन करेगी तथा जिप्सम बनाएगी, जिसका उपयोग सीमेंट उद्योग में किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री एनएच-12 (100 किलोमीटर) के फरक्का-रायगंज खंड की चार लेन सड़क परियोजना का भी उद्घाटन करेंगे। लगभग 1986 करोड़ रुपये की लागत से विकसित यह परियोजना यातायात की भीड़ को कम करेगी, कनेक्टिविटी में सुधार करेगी और उत्तर बंगाल व पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामाजिक आर्थिक विकास में योगदान देगी।
पीआईबी के अनुसार, प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल में 940 करोड़ रुपये से अधिक की चार रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इनमें दामोदर-मोहीशिला रेल लाइन दोहरीकरण की परियोजना, रामपुरहाट और मुरारई के बीच तीसरी लाइन, बाजारसौ-अजीमगंज रेल लाइन दोहरीकरण और अजीमगंज-मुर्शिदाबाद को जोड़ने वाली नई लाइन शामिल है।
इस खबर को भी पढ़ेंः-अच्छा इंसान व जिम्मेदार नागरिक बनाना ही शिक्षा का उद्देश्य – राज्यपाल रघुवर दास
भारतीय जनता पार्टी के एक्स हैंडल के अनुसार, प्रधानमंत्री इसके बाद दोपहर 2ः30 बिहार के औरंगाबाद पहुंचेंगे। शाम सवा पांच बजे वो बेगूसराय में होंगे। पीआईबी के अनुसार, प्रधानमंत्री औरंगाबाद में 21,400 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को मजबूत करने के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी 18,100 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाओं में एनएच-227 का 63.4 किलोमीटर लंबा दो-लेन का पक्की सड़क वाला जयनगर-नरहिया खंड, एनएच-131जी पर कन्हौली से रामनगर तक छह लेन की पटना रिंग रोड का खंड, किशनगंज शहर में मौजूदा फ्लाईओवर के समानांतर 3.2 किलोमीटर लंबा दूसरा फ्लाईओवर, 47 किलोमीटर लंबी बख्तियारपुर-रजौली चार लेन परियोजना,और एनएच -319 के 55 किलोमीटर लंबा अर्रा-पररिया खंड चार लेन शामिल है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी छह राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिनमें आमस से ग्राम शिवरामपुर तक 55 किलोमीटर लंबा चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग, शिवरामपुर से रामनगर तक 54 किलोमीटर लंबा चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग, ग्राम कल्याणपुर से ग्राम बलभदरपुर तक 47 किलोमीटर लंबा चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग, बलभदरपुर से बेला नवादा तक 42 किलोमीटर लंबा चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग, दानापुर-बिहटा खंड से 25 किलोमीटर लंबा चार लेन वाला एलिवेटेड कॉरिडोर और बिहटा-कोइलवर खंड के मौजूदा दो लेन से चार लेन कैरिज-वे शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंगा नदी पर छह लेन पुल की आधारशिला भी रखेंगे, जिसे पटना रिंग रोड के एक हिस्से के रूप में विकसित किया जाएगा। यह पुल देश के सबसे लंबे नदी पुलों में से एक होगा। यह परियोजना पटना शहर में यातायात की भीड़ को कम करेगी और बिहार के उत्तरी व दक्षिणी हिस्सों के बीच तेज और बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे पूरे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री बिहार में नमामि गंगे के तहत लगभग 2,190 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई बारह परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। परियोजनाओं में सैदपुर और पहाड़ी में सीवेज उपचार संयंत्र, सैदपुर, बेउर, पहाड़ी जोन आईवीए के लिए सीवरेज नेटवर्क, करमालीचक में सीवर नेटवर्क के साथ सीवरेज प्रणाली, पहाड़ी जोन-वी में सीवरेज योजना, और बाढ़, छपरा, नौगछिया, सुल्तानगंज तथा सोनपुर शहर में अवरोधन, डायवर्जन और सीवेज उपचार संयंत्र शामिल हैं। ये परियोजनाएं अनेक स्थानों पर गंगा नदी में छोड़े जाने से पहले अपशिष्ट जल का उपचार सुनिश्चित करेंगी, जिससे नदी की स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री मोदी पटना में यूनिटी मॉल का शिलान्यास करेंगे। 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित होने वाली इस परियोजना की परिकल्पना एक अत्याधुनिक सुविधा के रूप में की गई है। इसमें विभिन्न के लिए 36 बड़े स्टॉल और बिहार के प्रत्येक जिले के लिए 38 छोटे स्टॉल होंगे। यूनिटी मॉल स्थानीय विनिर्माण और एक जिला एक उत्पाद, भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों और बिहार व भारत के हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देगा। इस परियोजना से रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास और राज्य से निर्यात के मामले में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ होगा।
प्रधानमंत्री बिहार में तीन रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिनमें पाटलिपुत्र से पहलेजा रेलवे लाइन के दोहरीकरण की परियोजना, बंधुआ-पैमार के बीच 26 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन और गया में एक एमईएमयू शेड भी शामिल है। प्रधानमंत्री आरा बाइपास रेल लाइन का भी शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में शाम को बेगुसराय देश में ऊर्जा क्षेत्र को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन का गवाह बनेगा। प्रधानमंत्री लगभग 1.48 लाख करोड़ रुपये की अनेक तेल और गैस परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं केजी बेसिन के साथ-साथ देश भर के विभिन्न राज्यों जैसे बिहार, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक में फैली हुई हैं। प्रधानमंत्री केजी बेसिन से ‘फर्स्ट ऑयल’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे और ओएनजीसी कृष्णा गोदावरी गहरे पानी परियोजना से पहले कच्चे तेल टैंकर को हरी झंडी दिखाएंगे। केजी बेसिन से ‘फर्स्ट ऑयल’ निकालना भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो ऊर्जा आयात पर हमारी निर्भरता को काफी कम कर देगी। यह परियोजना भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात भी करेगी, जिससे ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती और आर्थिक लचीलेपन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा बिहार में लगभग 14,000 करोड़ रुपये की तेल एवं गैस क्षेत्र की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
साथ ही देश भर में शुरू की जा रही अन्य महत्वपूर्ण तेल और गैस परियोजनाओं में हरियाणा में पानीपत रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का विस्तार, पानीपत रिफाइनरी में 3-जी इथेनॉल संयंत्र और उत्प्रेरक संयंत्र, आंध्र प्रदेश में विशाख रिफाइनरी आधुनिकीकरण परियोजना (वीआरएमपी), सिटी गैस वितरण नेटवर्क परियोजना के दायरे में पंजाब के फाजिल्का, गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों को रखा गया है। इसी तरह, गुलबर्गा कर्नाटक में नया पीओएल डिपो, महाराष्ट्र में मुंबई हाई नॉर्थ पुनर्विकास चरण -चतुर्थ आदि भी इसमें शामिल हैं। प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भारतीय पेट्रोलियम और ऊर्जा संस्थान (आईआईपीई) की आधारशिला भी रखेंगे।
प्रधानमंत्री बरौनी में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। 9500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित यह संयंत्र किसानों को किफायती दर पर यूरिया उपलब्ध कराएगा और उनकी उत्पादकता तथा वित्तीय स्थिरता में वृद्धि करेगा। यह देश में फिर से चालू होने वाला चौथा उर्वरक संयंत्र होगा। प्रधानमंत्री लगभग 3917 करोड़ रुपये की अनेक रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। प्रधानमंत्री देश में पशुधन के लिए एक डिजिटल डेटाबेस – ‘भारत पशुधन’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘1962 फार्मर्स ऐप’ भी लॉन्च करेंगे। यह एक ऐसा ऐप है, जो ‘भारत पशुधन’ डेटाबेस के तहत मौजूद सभी डेटा और सूचनाओं को रिकॉर्ड करता है, जिसका उपयोग किसान कर सकते हैं।