Sat. Apr 19th, 2025
ANURAG THAKUR

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को राज्यसभा में ममता बनर्जी सरकार को पश्चिम बंगाल में पत्रकारों के ऊपर लगातार होने वाले हमलों को लेकर जमकर घेरा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पश्चिम बंगाल से लगातार पत्रकारों पर जानलेवा हमले और हिंसक घटनाओं को खबरें आती हैं। पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार को पत्रकारों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने लिए उपाय करने चाहिए।

प्रेस फ्रीडम रिपोर्ट पर कटाक्ष करते हुए मंत्री ने कहा ” इतने वर्ष हो गए पर आज तक ऐसी कोई संस्था वाला मेरे पास नहीं आया। मैंने समाचार पत्रों और टीवी मीडिया वालों से भी पूछा मगर आज तक उनके पास भी कोई नहीं गया। मुझे नहीं पता यह रिपोर्ट कैसे बनाते हैं। प्रेस फ्रीडम रिपोर्ट की कोई गारंटी नहीं पर मीडिया और उसके हितों की सुरक्षा मोदी सरकार की गारंटी है।”
अनुराग ठाकुर ने उक्त बातें तृणमूल सांसद डोला सेन के तारांकित प्रश्न के जवाब में कहीं। हालांकि डोला सेन जवाब के समय सदन में उपस्थित नहीं थीं। सदन में अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज पूरे देश में विकसित भारत संकल्प यात्रा चल रही है पर पश्चिम बंगाल एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां विकसित भारत संकल्प यात्रा की गाड़ियों को तोड़ा गया। यह साफ तौर पर पश्चिम बंगाल के गरीबों और जरूरतमंदों को विकास से वंचित रखने का षड्यंत्र है। जब पत्रकार इसे दिखाने जाते हैं तो उन्हें भी जान माल का खतरा रहता है।

पश्चिम बंगाल में पत्रकारों पर हुए हमलों की सिलसिलेवार लिस्ट पढ़ते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, “अक्टूबर, 2015 में पश्चिम बंगाल निकाय चुनावों के दिन साल्ट लेक इलाके में 20 पत्रकारों को पीटा गया और उनके माइक और कैमरे तोड़ दिए गए। फरवरी, 2022 में उत्तरी दमदम और पूर्वी मिदनापुर में निकाय चुनाव में 4 पत्रकारों को पीटा गया। 2023 के पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान कोलकाता और विभिन्न जिलों में 10 पत्रकारों को पीटा गया। जून, 2013 को एआईटीसी के गुटीय झगड़े को कवर करने के दौरान नॉर्थ 24 परगना के बैरकपुर में 3 फोटो पत्रकारों को इतना पीटा गया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।”
अनुराग ठाकुर ने प्रश्न का जवाब देने के पहले कहा कि केंद्र सरकार भारत के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा करने हेतु प्रतिबद्ध है। जहां तक पत्रकारों की सुरक्षा की बात है तो कानून व्यवस्था राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2017 में ही गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर पत्रकारों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। पूरे देश में कहीं भी पत्रकारों के ऊपर हिंसा होने पर प्रेस काउंसिल आफ इंडिया को स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार है। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने राज्यों में पत्रकारों को भय मुक्त वातावरण प्रदान कराएं।

तृणमूल कांग्रेस सांसद द्वारा कुछ दिनों पहले ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का मजाक बनाए जाने के ऊपर सदन में अनुराग ठाकुर ने कहा, “यह कुकृत्य पूरे देश को शर्मसार करने वाला है। पूरे विपक्ष को इस पर माफी मांगनी चाहिए थी।
साभार -हिस

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