मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को गढ़चिरौली क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों से विस्थापित सभी पीड़ितों और आत्मसमर्पण करने वाले लोगों के पुनर्वास का निर्देश नक्सलवाद रोकथाम के लिए आयोजित राज्यस्तरीय बैठक में दिया है।
नागपुर में सोमवार को वामपंथी उग्रवादी विचारधारा के संबंध में राष्ट्रीय योजना एवं कार्ययोजना को लेकर राज्य स्तरीय समिति की बैठक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में की गई थी। बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सली गतिविधियों के कारण विस्थापित लोगों और नक्सली विचारधारा को त्याग कर आत्मसमर्पण करने वालों को युद्धस्तर पर पुनर्वासित करने की जरूरत है। इस प्रक्रिया पर होने वाला व्यय जिला योजना योजना के माध्यम से किया जाना चाहिए।
विशेष पुलिस अभियानों में शहीद हुए जवानों के वारिसों को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। नागपुर, गढ़चिरौली मार्ग पर आधुनिक फायरिंग रेंज का काम तेजी से पूरा किया जाना चाहिए। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने गढ़चिरौली में स्थापित होने वाले नए पुलिस स्टेशनों के लिए 25 अधिकारियों और 500 कर्मचारियों की नियुक्ति का भी आदेश दिया। ये सभी नियुक्तियां स्थानीय स्तर पर की जाएंगी।
महाराष्ट्र सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम को जल्द से जल्द लागू करने के संबंध में भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ। शहरी माओवादियों को रोकने के लिए यह बिल अहम होगा। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि इस क्षेत्र में माइनिंग कॉरिडोर सड़कों के विकास और मोबाइल टावरों का काम जल्द पूरा किया जाये। मुख्यमंत्री ने बैठक में इन संबंधित जिलों में राज्य परिवहन निगम के माध्यम से एसटी बसों की प्रभावी सेवा प्रदान करने की व्यवस्था करने का भी आदेश दिया।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडऩवीस, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ, अतिरिक्त महानिदेशक विशेष अभियान प्रवीण सालुंखे, संयुक्त पुलिस आयुक्त जैन, सीआरपीएफ के विशेष पुलिस महानिरीक्षक पद्माकर रणपिसे, विशेष पुलिस महानिरीक्षक संदीप पाटिल, गढ़चिरौली के कलेक्टर संजय मीना और अन्य उपस्थित थे।
साभार – हिस