नई दिल्ली. कोरोना वायरस इंसान के रेस्पिरेटरी सिस्टम को खोखला कर उसे मौत की तरफ ले जाता है, लेकिन क्या इस जानलेवा वायरस का असर हमारे श्वसन तंत्र के अलावा भी शरीर अन्य हिस्सों पर पड़ता है? क्या इसका शरीर के बाकी अहम हिस्सों से भी कोई कनेक्शन है? आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक दि लैंसट में प्रकाशित एक रिपोर्ट में ऐसे ही कुछ सवालों के बारे विस्तार से जानकारी दी गई है.
इस रिपोर्ट में रिसर्चर्स ने दावा किया है कि कोविद-19 रक्त वाहिकाओं (ब्लड सेल्स) की परत पर हमला कर शरीर के कई मुख्य अंगों को खराब करता है. ज्यूरिक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ता फ्रैंक रुचित्जका का कहना है कि कोरोना फेफड़ों के अलावा शरीर के हर हिस्से में रक्त वाहिकाओं के जरिए अटैक करता है.
उन्होंने बताया कि शरीर में छिपा ये जानलेवा वायरस निमोनिया से भी कहीं ज्यादा खतरनाक है. यह ब्लड सेल्स के लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करने वाली एंडोथीलियम लेयर के अंदर तक दाखिल हो सकता है. इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर पड़ती है.
इसके बाद शरीर के अलग-अलग हिस्सों में ब्लड फ्लो धीमा होने लगता है. ब्लड फ्लो कम होते ही हृदय, किडनी और इन्टेसटाइन जैसे शरीर के कई खास हिस्सों में परेशानी बढ़ जाती है.
स्विट्जरलैंड यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के हार्ट सेंटर एंड कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में चेयरमैन रुचित्जका ने कहा, ‘क्या आपने कभी सोचा है कि धूम्रपान करने वाले या पहले से किसी बीमारी के शिकार लोग इस वायरस की चपेट में क्यों जल्दी आ रहे हैं?’
हाइपरटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापे जैसी गंभीर बीमारी के पहले से शिकार लोग कोरोना वायरस की चपेट में ज्यादा आते हैं. ऐसी स्थिति में ब्लड सेल्स की सुरक्षा करने वाली एंडोथीलियम लेयर कमजोर पड़ सकती है, जिस वजह से वायरस आसानी से अटैक कर पाता है.
रुचित्जका ने बताया कि वे तीन ऐसे मामले देख चुकी हैं जहां रोगियों की ‘ब्लड वेसेल्स लाइनिंग’ वायरस से भरी हुई थी. इसकी वजह से उनके शरीर के कई अंग खराब हो रहे थे.
इनमें से 71 वर्षीय एक बुजुर्ग मरीज हाइपरटेंशन की बीमारी से ग्रस्त था. कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद उनके शरीर के कई हिस्सों ने काम करना बंद कर दिया था. कुछ दिन बाद ही इस शख्स की मौत हो गई थी.
58 साल के एक डायबिटीज, हाइटपरटेंशन और मोटापे से पीड़ित व्यक्ति में भी इस तरह की दिक्कतें देखने को मिली थीं. इनके शरीर की छोटी आंत का ब्लड फ्लो कम होने की वजह से फेफड़े, हृदय, किडनी और लिवर में खराबी आ चुकी थी.
बता दें कि पूरी दुनिया में अब तक तकरीबन साढ़े 24 लाख से भी ज्यादा लोग इस गंभीर बीमारी का शिकार हो चुके हैं. जबकि एक लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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