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नौसेना के राफेल-एम लड़ाकू जेट मीटियोर, मीका और स्कैल्प मिसाइलों से लैस होंगे

  •  यूरोपीय हथियार निर्माता एमबीडीए ने तीनों मिसाइलों का किया है निर्माण

  •  नौसेना की लंबी दूरी पर दुश्मन के लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता बढ़ेगी

नई दिल्ली। देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक आईएनएस विक्रांत पर तैनात होने वाले फ्रांसीसी राफेल-एम लड़ाकू विमानों पर मीका, मीटियोर और स्कैल्प मिसाइलें लगाई जाएंगी। इन मिसाइलों के लिए फिलहाल फ्रेंच डसॉल्ट ग्रुप के साथ बातचीत चल रही है। तीनों मिसाइलें राफेल-एम लड़ाकू विमानों को किसी भी संभावित प्रतिद्वंदी पर हमला करने में सक्षम बनाएंगी। साथ ही भारतीय नौसेना की अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा करने और लंबी दूरी पर लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता में काफी वृद्धि होगी।

भारत के लिए आसमानी ताकत बना वायुसेना का फाइटर जेट राफेल स्कैल्प और मीटियोर मिसाइल से लैस है। राफेल हवा में 500 किलोमीटर की दूरी तक हमला कर सकता है, इसीलिए इसे युद्ध के आसमान में ‘गेम चेंजर’ का खिताब दिया जाता है। मीटियोर मिसाइल का एयर-टू-एयर निशाना अचूक है। मीटियोर मिसाइल से विजुअल रेंज के बाहर होने पर भी दुश्मन के लड़ाकू विमान को गिराया जा सकता है। मीटियोर दृश्य-सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल (बीवीआर-एएएम) है, जिसे बहुत लंबी दूरी पर दुश्मन के विमानों को मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है। यह दुनिया की सबसे उन्नत मिसाइलों में से एक है, जिसे अब भारतीय नौसेना के राफेल-एम लड़ाकू जेट पर तैनात किया जाना है।
इसी तरह स्कैल्प लंबी दूरी की हवा से लॉन्च की जाने वाली क्रूज मिसाइल (एएलसीएम) है, जिसे दुश्मन के इलाके के अंदर लक्ष्यों को मारने के लिए डिजाइन किया गया है। यह एक अत्यधिक सटीक और बहुमुखी मिसाइल है, जिसका उपयोग भूमि-आधारित लक्ष्य जहाजों और हवाई क्षेत्रों सहित विभिन्न लक्ष्यों के खिलाफ किया जा सकता है। 300 किलोमीटर की रेंज तक हवा से सतह पर मार करने वाली गाइडेड मिसाइल स्कैल्प 450 किलोग्राम के वारहेड ले जा सकती है। इस मिसाइल की खासियत है कि यह फाइटर जेट से लॉन्च होने के बाद दुश्मन के राडार और जैमिंग सिस्टम से बचने के लिए जमीन से 100 से 130 फीट के बीच में आ जाती है। इसके बाद लक्ष्य के करीब पहुंचने से पहले फिर से 6,000 मीटर की अधिकतम ऊंचाई तक जाती है और फिर सीधा लक्ष्य पर गिरती है।

यूरोपीय हथियार निर्माता एमबीडीए ने मीका, मीटियोर और स्कैल्प मिसाइलें बनाई हैं। फाइटर जेट राफेल में मीका मिसाइलों को लगाने से पहले भारतीय वायुसेना ने इनका परीक्षण किया है। परीक्षण के दौरान बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल मीका के दो राउंड फायर किए गए। यह सभी मौसम में लघु और मध्यम दूरी तक लक्ष्य को मार गिराने वाली मिसाइल प्रणाली है। इस मिसाइल का उपयोग हवाई प्लेटफार्मों के साथ-साथ जमीनी और जहाजों से किया जा सकता है। 3.1 मीटर लंबी मिसाइल का व्यास 0.16 मीटर है और इसका वजन लगभग 112 किलोग्राम है। यह मिसाइल 500 मीटर से 60 किमी. दूरी तक के लक्ष्यों को बेअसर कर सकती है।
मिसाइल मीका, मीटियोर और स्कैल्प के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना की अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा करने और लंबी दूरी पर लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता में काफी वृद्धि होगी। ये मिसाइलें राफेल-एम लड़ाकू विमानों को किसी भी संभावित प्रतिद्वंद्वी पर महत्वपूर्ण लाभ देंगी। भारतीय नौसेना अपने विमान वाहक आईएनएस विक्रांत पर तैनात होने वाले 26 राफेल-एम फाइटर जेट के लिए फ्रांस के एमबीडीए से 100 से ज्यादा स्टील्थ क्रूज मिसाइल स्कैल्प हासिल करेगी। फ़्रांस से 26 राफेल-एम की डील सरकार से सरकार माध्यम से होगी और 2024-25 तक हस्ताक्षर किए जाएंगे।
साभार -हिस

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