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पर्थ में होने वाले अभ्यास का मकसद सहयोगात्मक साझेदारी को बढ़ावा देना
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ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय सेना के 60-60 जवान इस अभ्यास में शामिल होंगे
नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलियाई सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ऑस्ट्राहिन्द’ पर्थ में होगा। इसमें भाग लेने के लिए 81 कर्मियों वाला भारतीय सशस्त्र बल दल आज ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुआ। भारतीय सेना के दल में गोरखा राइफल्स की एक बटालियन के 60 जवान शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार भारत की ओर से भारतीय नौसेना का एक अधिकारी और भारतीय वायु सेना के 20 कर्मी भी भाग लेंगे। ऑस्ट्रेलियाई दल में रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना के 20-20 कर्मी शामिल होंगे। ऑस्ट्रेलियाई सेना की टुकड़ी 13वीं ब्रिगेड से 60 जवान अभ्यास में शामिल होंगे। अभ्यास का उद्देश्य सहयोगात्मक साझेदारी को बढ़ावा देना और दोनों सेनाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है। यह अभ्यास शांति स्थापना अभियानों पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के तहत शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में बहु-डोमेन संचालन करते समय अंतर-संचालनीयता को भी बढ़ावा देगा।
दोनों देशों के बीच ‘ऑस्ट्राहिन्द’ अभ्यास 2022 में शुरू किया गया था। पहला संस्करण महाजन, राजस्थान में हुआ था। अभ्यास का दूसरा संस्करण 22 नवंबर से 06 दिसंबर तक पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया जाएगा। इस अभ्यास को हर साल भारत और ऑस्ट्रेलिया में वैकल्पिक रूप से आयोजित करने के साथ ही इसे वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाने की योजना है। करीब 15 दिनों तक सामरिक संचालन के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं का संयुक्त रूप से अभ्यास किया जाएगा।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में उच्च स्तर की स्थितिजन्य जागरुकता प्राप्त करने के लिए स्नाइपर फायरिंग और संयुक्त रूप से निगरानी और संचार उपकरण संचालित करना भी शामिल है। कंपनी/बटालियन स्तर पर सामरिक कार्रवाइयों के अलावा हताहत प्रबंधन और निकासी का भी पूर्वाभ्यास किया जाएगा। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच समझ को बढ़ावा देने और दोनों मित्र देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने में भी मदद करेगा।
साभार -हिस