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सीएम योगी का हंटर

लापरवाही पर चकबंदी विभाग में फिर चला सीएम योगी का हंटर, कई का रोका वेतन

  • दस वर्ष से ज्यादा समय से लंबित मामलों के निस्तारण में लापरवाही पर गिरी गाज

  • लापरवाही पर 12 अधिकारियों का रोका वेतन, अपर जिलाधिकारी से जवाब तलब

  • मीरजापुर, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी के अधिकारियों का वेतन रोकने के साथ जवाब तलब

लखनऊ। लापरवाही पर चकबंदी विभाग में सीएम योगी का हंटर फिर चला है। कइयों का वेतन रोक दिया है। चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त नाराजगी का असर दिखने लगा है। सीएम योगी के कड़े रुख के बाद चकबंदी विभाग में एक के बाद एक लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में राजस्व आयुक्त ने मंगलवार को जौनपुर में दस वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों में संतोषजनक कार्य न होने एवं कार्य में शिथिलता के साथ लापरवाही पर एक दर्जन अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया है। साथ ही सभी से स्पष्टीकरण जवाब तलब किया गया है। इसके अलावा सोनभद्र में चकबन्दी कार्य के पर्यवेक्षण में उदासीनता, शिथिलता एवं लापरवाही पर अपर जिलाधिकारी/उप संचालक चकबन्दी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

उदासीनता पर अपर जिलाधिकारी से किया जवाब तलब

सीएम योगी का हंटर के बाद चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप चकबंदी के लंबित मामलों के निस्तारण में युद्धस्तर पर कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को वाराणसी में विन्ध्याचल मंडल व वाराणसी मंडल के चकबन्दी कार्यों की समीक्षा ग्रामवार की गयी। बैठक में दस वर्ष से अधिक समय से लंबित वादों के निस्तारण में लापरवाही पर मीरजापुर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी नरेन्द्र सिंह, धनराज यादव, चकबंदी अधिकारी गजाधर सिंह, जौनपुर के उप संचालक चकबंदी सोमनाथ मिश्र, बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी विनोद कुमार वर्मा, चकबंदी अधिकारी फरहत अहमद खां, श्यामधनी पाल, रामजी शुक्ल, विजयशंकर सिंह, सत्य प्रकाश चौबे, संजीव कुमार तथा वाराणसी के चकबंदी अधिकारी मनोज कुमार सिंह का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है। वहीं सोनभद्र में चकबन्दी कार्य के पर्यवेक्षण में उदासीनता, शिथिलता एवं लापरवाही पर सुभाष चन्द्र यादव, अपर जिलाधिकारी/उप संचालक चकबन्दी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

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जीर्णशीर्ण अभिलेखों की स्कैनिंग कर करें डिजिटलाइज्ड

बैठक में मिर्जापुर के ग्राम गौरा, मदईयां, अमोई, जिला सोनभद्र के ग्राम भैसवार, जनपद वाराणसी के ग्राम कमौली, अजगरा, टिकरी, जनपद चन्दौली के ग्राम महुजी कुरहना, जनपद जौनपुर के ग्राम ढेमा, सुरीश, लखेसर, खपड़हा, लखवा एवं जनपद गाजीपुर के ग्राम बेलसड़ी, चौरहीं, रायपुर बाघपुर आदि ग्रामों की समीक्षा की गयी। वहीं जौनपुर में अत्यधिक अपील लम्बित होने पर एक अतिरिक्त बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी तैनात करने के निर्देश दिये गये। साथ ही वादों के पारदर्शी एवं गुणवत्तापरक निस्तारण के लिए पीठासीन अधिकारी द्वारा जो भी आदेश पारित किये जाएं, वह स्पीकिंग एवं गुणदोष पर पारित करने के निर्देश दिये गये। इसके अलावा ग्राम अदालतों के माध्यम से अधिक से अधिक वादों को लगाकर गुणवत्तापरक निस्तारण कर वादकारियों को सुलभ न्याय उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।

समीक्षा बैठक में चकबन्दी प्रक्रिया में शामिल ग्रामों के जीर्णशीर्ण अभिलेखों को डिजिटल फोटो के साथ स्कैनिंग कराने का निर्देश दिये गये। इसके लिए समस्त उप संचालक चकबन्दी को जिलाधिकारी से सम्पर्क कर डीजी रोवर की व्यवस्था जिले स्तर से ही कराकर अभिलेख सुरक्षित कराने को कहा गया है। इसके अलावा जौनपुर में बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी के न्यायालय में काफी संख्या में अपील लम्बित होने पर इनके त्वरित निस्तारण के लिए भदोही के एक आशुलिपिक को सम्बद्ध किया गया।

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