मुंबई। मुंबई सहित महानगरीय क्षेत्र में खराब वायु में गुणवत्ता स्तर में सुधार के उद्देश्य से आवश्यक उपायों के लिए माननीय हाईकोर्ट ने तीन दिन की मोहलत दी है| ठाणे मनपा के आयुक्त अभिजीत बांगर ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि सभी सहायक आयुक्त, कार्य विभाग एवं नगर विकास विभाग भरारी गश्ती दलों के माध्यम से वायु में गुणवत्ता बनाये रखने हेतु दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करायें।
मनपा आयुक्त बांगर ने आज अधिकारियों से कहा कि निर्माण स्थलों, मलबा परिवहन, कूड़ा जलाने और पटाखों आदि के लिए समय सीमा के निर्देश उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए हैं । इनका पालन न करने पर पहले चेतावनी जारी की जाए, फिर भी सुधार न होने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यदि इन सब से मुंबई और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता में कोई स्पष्ट परिणाम नहीं आता है, तो और अधिक कड़े प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए कि ठोस कार्यवाही कर वायु गुणवत्ता में आमूल-चूल परिवर्तन लाने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन एवं नागरिकों की है|
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मनपा आयुक्त का कहना है कि शहर के बाहर से खरगोशों को मलबा स्टेशन पर लाया जाता है और सड़क के किनारे फेंक दिया जाता है। इसलिए कमिश्नर ने इसे प्रतिबंधित करने के लिए अगले कुछ दिनों के लिए आनंदनगर, मॉडला चेक पोस्ट पर एक स्थायी टीम तैनात करने का निर्देश दिया है। .वर्तमान में ठाणे शहर में पांच प्रदूषण रिकॉर्डिंग केंद्र हैं, जिनमें से तीन नगर निगम के और दो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हैं। इसके साथ ही प्रत्येक दस से बीस वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए एक स्वचालित प्रदूषण रिकॉर्डिंग उपकरण स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए, जिसकी सूचना साथ वाले इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर तुरंत प्रदर्शित की जानी चाहिए, ताकि नागरिकों को भी इसकी जानकारी हो सके।