-
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार किया
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा खुद को फकीर बताने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार किया है। शेखावत ने कहा कि अपने आप को फकीर बताने वाले फकीरी का लबादा ओढ़कर भ्रष्टाचार का आचरण करते हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद को हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा फकीर बताया। इस पर अब भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। भाजपा ने सीएम गहलोत के खालिस्तान वाले बयान पर भी पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कभी भी इसी संत-फकीर को यह कहते हुए नहीं सुना होगा कि में बड़ा फकीर हूं, यह ढोंगी लोग हैं, जो फकीर का लबादा ओढ़कर भ्रष्ट आचरण करते हैं। उन लोगों की अपनी मजबूरी है जिन्हें ऐसा बोलना पड़ता है। शेखावत ने कहा कि सीएम गहलोत कहते हैं कि उनके पास एक इंच जमीन नहीं है, लेकिन शायद वह अपने दिल्ली फ्लैट के बारे में बोलना भूल गए। साथ ही, वह यह भी भूल गए कि किस तरह से मॉरीशस के रूट से पैसा रोटेड होकर उनके बेटे के खाते में पहुंच रहा है। फकीर की बात करने वाले खुद की जमीन खरीदने की अभी बात नहीं करना चाहता।
शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान पर भी हमला बोला जिसमें उन्होंने खालिस्तान का समर्थन किया था। शेखावत ने कहा कि यह वह लोग हैं जिन्होंने खालिस्तान के समर्थन में बयान दिया हुआ है। देश के टुकड़े करने वालों का समर्थन करना दुर्भाग्यपूर्ण है और सीएम गहलोत ने उनका समर्थन किया था। आजादी के बाद से सबसे ज्यादा भ्रष्ट यह कांग्रेस की सरकार रही है और अब वह दिन दूर नहीं जब इस भ्रष्ट सरकार को जनता जवाब देने वाली है।
शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करती है। कल जो दौसा में घटना हुई, एक पुजारी को उसके घर के बाहर कुछ बदमाशों ने पीट-पीट करके हत्या कर दी। इससे पहले भरतपुर में भी एक पुजारी को आत्मदाह करना पड़ा था। राजस्थान में कुल 12 ऐसी घटना हुई हैं, जिसमें पुजारी को आत्महत्या करनी पड़ी या फिर उनका मर्डर कर दिया गया। कांग्रेस राज में एक जाति विशेष को निशाना बनाया गया। यही नहीं हिंदुओं के हर पर्व पर इस तरह की घटना हुई। अभी नवरात्रों में भी इस तरह की घटना सामने आ रही हैं।
फोन टैपिंग मामले में भी मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग मामले में अक्सर सीएम अशोक गहलोत उनके बारे में कहते हैं कि मुझे मेरी आवाज का सैंपल देने के लिए एसओजी ने कई बार बुलाया, पर मैं नहीं गया। हकीकत यह है कि एसओजी ने ऐसा कोई नोटिस मुझे नहीं दिया। सीएम अशोक गहलोत सिर्फ मीडिया में चर्चा करके इस तरह से मुझे बदनाम करते रहते हैं। इससे पहले भी उन्होंने मेरा नाम और मेरे परिजनों का नाम एक चिटफंड कंपनी में अभियुक्त के रूप में लिया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने चुनाव लड़ने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि वह उस परिवार से आते हैं जहां पर व्यक्ति तय नहीं करता कि उसे कहां से चुनाव लड़ना है या किस भूमिका में काम करना है। संगठन जो भी जिम्मेदारी देता है, उसके अनुरूप उन्हें काम करना पड़ता है। अब तक इस तरह से काम किया है। संगठन को लगेगा कि अगर मुझे चुनाव लड़ना है तो उस भूमिका को सहज स्वीकार करूंगा और अगर संगठन को लगता है कि मुझे चुनाव नहीं लड़कर संगठन का दायित्व देखना चाहिए तो मैं भी उसके लिए तैयार हूं।