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भारत को अमेरिका या जापान नहीं, भारत ही बनाए रखने की जरूरत – भैयाजी जोशी

  • भारत से ही पूरे विश्व के कल्याण का मार्ग निकलता है: भैयाजी जोशी

  • शहीद चंद्रशेखर आजाद सेवा समिति के कार्यक्रम में की शिरकत

रोहतक। राष्ट्रीय चिंतक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा है कि देश के विकास में आज सबसे बड़ी बाधा संस्कारहीनता का भाव है। लोग दूसरे देशों या संस्कृति से खुद को हीन समझने लगे हैं। लोगों को समझा होगा कि भारत को अमेरिका या जापान बनाने की जरूरत नहीं, भारत को भारत बनाए रखने की आवश्यकता है। भारत से ही पूरे विश्व के कल्याण का मार्ग निकलता है। वर्तमान में भारत का गौरव पूरे विश्व में बढ़ रहा है जैसे योग दिवस और संस्कृत का महत्व आदि अनेक क्षेत्रों में भारत पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है। अपने बल से अपने परिसर का विकास करने वाली संस्थाओं के बल पर भारत का महत्व और बढ़ेगा.. इसी से भारत सही रास्ते पर आगे बढ़कर पुनः विश्व गुरु बनेगा।

भैयाजी जोशी शनिवार को भाली गांव में आयोजित आठवें ग्राम उत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाली ग्राम विकास का कार्य कोई साधारण कार्य नहीं है यह एक असाधारण कार्य है। ग्राम परिवर्तन का कारण यहां के स्थायी निवासियों के संकल्प और विश्वास का परिणाम है। स्वावलंबन संस्कार महिला उत्थान आदि अनेक सामाजिक कार्य यहां चल रहे हैं, इसके लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है।

भैया जी जोशी ने कहा कि गौ माता के हृदय में हमारी रक्षा का भाव है, इसलिए हम उसे माता कहते हैं। उसका संरक्षण जब हम करेंगे तो वह हमारी रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि विकास के लिए स्थाई लोगों को प्रयास करने चाहिए, सरकार स्वयं आपके साथ आएगी। देश के लिए बड़े उद्योग का विशेष महत्व है, लेकिन इसके कारण छोटे उद्योगों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। बड़े उद्योगों से केवल 10 फीसदी रोजगार सृजन होता है, जबकि 50 फीसदी रोजगार सृजन स्वयं स्वावलंबन के आधार पर लोग स्वयं करते हैं। कीटनाशकों से होने वाले नुकसान से धरती को बचाने के लिए भारत में गौ माता के जैविक खाद की अत्यंत आवश्यकता है, इसलिए गाय हमारे लिए जीवन दायिनी है। इसमें भारत से किसानों को नेतृत्व करने की आवश्यकता है। भारत की जीवन शैली सर्वे भवंतु सुखिनः है, जिसमें पूरे विश्व के मंगल की कामना है.. जबकि बाकी देश भोगवाद या स्वार्थ के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 9 वर्ष पूर्व मुझे भाली स्थित केशव-भवन की नींव की ईंट रखने का अवसर मिला था, तब यह कार्य शैशव अवस्था में था, आज इस कार्य में बहुत बदलाव आया है। यह बदलाव गांव के स्थायी निवासियों के सेवा कार्य के क्षेत्र इस बेहतरीन के मॉडल से सम्भव हो पाया है। भारत ही नहीं विश्व को भी इससे सीखना होगा।

इस अवसर पर महंत ईश्वर दास जी महाराज, मेहरदास डेरा कलानौर, अरविंद, सुमित भ्याण, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र संघचालक सीताराम व्यास, प्रान्त प्रचारक विजय, सह-प्रांत संघचालक प्रताप, चौ. सूरजमल, प्रवीण धत्तरवाल आदि कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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