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देशभर के अधिकांश विद्यालय एप्स के जरिए पढ़ा रहे हैं बच्चों को
अमर राय, ठाकुरगंज
कोरोना वायरस के प्रकोप ने पढ़ाई का तरीका बदल दिया है. आनलाइन पढ़ रहे हैं बच्चे. देशभर के अधिकांश विद्यालय एप्स के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं. कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लाकडाउन में जहां एक ओर लोग घरों में बंद हैं, वहीं छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित नहीं हो इसको लेकर कई स्कूलों की ओर से आनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था शुरू की गई है. हालांकि कुछ जिलों के कुछ स्कूलों ने यह व्यवस्था शुरू नहीं की है, लेकिन केंद्रीय विद्यालय समेत कई निजी स्कूलों ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है. ऐसे बच्चे जो हास्टल में रहकर पढ़ाई करते हैं, वे इन दिनों आनलाइन पढ़ाई में व्यस्त हैं.
हास्टल नहीं जाने की मजबूरी खत्म हो गई है और घर में ही रहकर पढ़ने में व्यस्त हैं. आनलाइन पढ़ाई के दौरान छात्र-छात्राओं के बीच आने वाली समस्याओं का समाधान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कराई जा रही है. लाकडाउन के कारण शिक्षा प्रणाली में आए बदलाव के साकरात्मक असर पड़ता दिखाई दे रहा है. लाकडाउन के कारण घरों में बंद स्कूली बच्चों के समय के सदुपयोग के लिए नया सत्र बतौर आनलाइन शुरू कर दिया गया है. इस कारण घरों में बोर हो रहे स्कूल के बच्चों को लाकडाउन के अब नये मायने मिल गए हैं. पहली बार आनलाइन तरीके से शुरू हुई पढ़ाई को लेकर बच्चों को नये तरीके का अनुभव हो रहा है.
कई स्कूली अनुशासन की गैरहाजिरी के बीच बच्चे नये उत्साह के साथ नये सत्र का स्वागत कर रहे हैं. अभी तक मोबाइल में केवल गेम जानने वाले बच्चे पहली बार मोबाइल के अलग मायनों से भी परिचित हो रहे हैं. लाकडाउन के कारण नए सत्र की किताबों से अभी दूर बच्चों को आनलाइन नये पाठ्यक्रमों की जानकारी हो रही है. इससे बच्चे पढ़ाई को बिना बोझ समझे कांसेप्ट की डिटेल स्टडी करते दिखाई दे रहे है. आनलाइन पढाई, ऐप के जरिए क्रिएटिव तरीके से पाठ्यक्रम को समझने में आसानी होती है. स्कूलों द्वारा आनलाइन शुरू की गई पढ़ाई का सबसे ज्यादा फायदा हास्टल में रहकर पढ़ने वाले बच्चे उठा रहे हैं.