नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सजधज कर तैयार है। भारत ने शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले राष्ट्राध्यक्ष और दुनिया के नामचीन संस्थानों के प्रमुखों के स्वागत-सत्कार के लिए जोरदार तैयारी की है। भारत की अध्यक्षता में यह सम्मेलन नौ और 10 सितंबर को होना है। स्वागत के लिए बेकरार आयोजन स्थल भारत मंडपम् (प्रगति मैदान) सबको आकर्षित कर रहा है।
अधिकतर देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के पदाधिकारियों के आज सुबह 10ः30 बजे देररात तक दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। नाइजीरिया, मॉरीशस और मैक्सिको के राष्ट्राध्यक्ष समेत यूरोपियन यूनियन काउंसिल व यूरोपियन कमीशन समेत अन्य संगठनों के पदाधिकारी गुरुवार को दिल्ली पहुंच चुके हैं।
जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने नई दिल्ली पहुंचे मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इसलिए आभार जताया है कि उन्हें अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया। इस सम्मेलन को लेकर सारे देश में आम लोगों से लेकर खास लोगों के बीच भी उत्सुकता है।
जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में दुनिया के 20 ताकतवर देशों के नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय वायु सेना ने चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर 04 सितम्बर से चल रहे अभ्यास ”त्रिशूल” पर रोक लगा दी है। सिर्फ एक्सरसाइज त्रिशूल में शामिल विमानों के उड़ान और संचालन पर रोक लगाई गई है, जबकि अन्य नियमित उड़ानें जारी रहेंगी। जी-20 की सुरक्षा के लिए मिराज-2000 और राफेल जैसे लड़ाकू विमान एयर पेट्रोलिंग करेंगे।
राजधानी में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हवाई क्षेत्र की सुरक्षा जिम्मेदारी भारतीय वायु सेना की होगी, जिसके लिए दिल्ली और उसके आसपास बड़ी संख्या में रक्षात्मक और हमलावर हथियारों को पहले ही तैनात किया गया है। शिखर सम्मेलन में शामिल होने तमाम वैश्विक नेता राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आने लगे है, जिन्हें कड़ी सुरक्षा घेरे में रखा गया है। आसमानी सुरक्षा के लिए दिल्ली और उसके आसपास बड़ी संख्या में रक्षात्मक और हमलावर हथियारों को तैनात किया गया है। जी-20 की सुरक्षा के लिए मिराज-2000 और राफेल जैसे लड़ाकू विमान एयर पेट्रोलिंग करेंगे।
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वायुसेना ने रोका त्रिशूल अभ्यास, एयर पेट्रोलिंग करेंगे लड़ाकू विमान