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मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का लोगो और वेबसाइट की लॉन्च

  • दिसंबर में दून में होगा उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, 2.5 लाख करोड़ का लक्ष्य

  • राज्य में 6 हजार एकड़ का लैंड बैंक तैयार और 27 नीतियां प्रख्यापित की गईं

देहरादून, मुख्यमंत्री ने शनिवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का लोगो और वेबसाइट को लांच किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट राज्य के लिए बेहतर अवसर है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस बार इन्वेस्टर्स समिट में 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में सुधार भी किये हैं और नई नीतियों को भी लागू किया है। विभिन्न क्षेत्रों के लिये 27 नीतियां प्रख्यापित की गई हैं। राज्य में 6 हजार एकड़ का लैंड बैंक भी तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। उद्यमियों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। यह इन्वेस्टर्स समिट पूरे राज्य और सभी विभाग के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक बड़ा अवसर है। इसका अधिकतम लाभ लेना होगा।
उन्होंने कहा कि इसके लिए देहरादून में संवाद और 21 अगस्त को दिल्ली में इंडस्ट्री समूह के साथ बेहतर माहौल में बातचीत हुई है। उत्तराखंड में निवेश को लेकर उद्योग जगत में रुचि है। इंडस्ट्री समूह के सभी लोग ब्रांड एम्बेसडर हैं। प्रदेश में निवेश और नए इन्वेटर्स को लेकर लोग तैयार हैं। राज्य में उद्योग को विस्तार के लिए ऐसे 15 से 20 हजार लोग निवेश के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि 2018 इन्वेस्टर्स समिट के अनुभव को लिया जा रहा है। हमारा लक्ष्य इस बार दोगुना है। ठोस तरीके से राज्य में निवेश के लिए काम करना है। प्रधानमंत्री मोदी के कथनानुसार 21वीं सदी में उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए काम करना है बल्कि देश के विकास में उत्तराखंड अपना योगदान भी देगा।
सरकार उद्योग जगत से कर रही संवाद –
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार, उद्योग जगत और प्रमुख औद्योगिक संगठनों से लगातार सम्पर्क में है। इसी क्रम में 17 अगस्त को देहरादून में और 21 अगस्त को दिल्ली में प्रमुख उद्योगपतियों से संवाद किया गया। उद्योग जगत से मिल रहे सुझावों को बहुत ही प्रमुखता से लिया गया है। उसी आधार पर एमएसएमई नीति, सेवा क्षेत्र नीति, लॉजिस्टिक नीति, सोलर नीति, आदि में सुधार किया गया है।
पीस डेस्टिनेशन के साथ इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन भी बना उत्तराखंड –
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों और निवेश के अनुकूल बने माहौल से उद्योगपतियों में बहुत उत्साह है। देवभूमि उत्तराखंड में सदियों से लोग शांति के लिए आते रहे हैं। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, अब निवेशक भी यहां आने के लिये उत्साहित हैं। शांति और पर्यटन के डेस्टीनेशन के साथ ही उत्तराखंड प्रमुख इन्वेस्टमेंट डेस्टीनेशन भी बना है। देश विदेश के लोग यहां से जुड़ना चाहते हैं। यहां के प्राकृतिक वातावरण, प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश अनुकूल नीतियों, राष्ट्रीय राजधानी से निकटता, इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण उत्तराखंड निवेश के लिये प्रमुख केंद्र बन रहा है। ईज आफॅ डूंईंग बिजनेस में उत्तराखंड एचीवर्स श्रेणी में है। नीति आयोग की जारी निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखंड हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर जबकि सम्पूर्ण देश में 9 वें स्थान पर है।
समिट पूरे उत्तराखंड की –
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो उद्योग पहले से उत्तराखंड में स्थापित हैं, उन्होंने भी अपना विस्तार करने की बात कही है। इन्वेस्टर्स समिट केवल उद्योग विभाग का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि सभी विभाग इससे जुड़े हैं। वस्तुतः यह समिट उत्तराखंड के सभी नागरिकों का है। राज्य में निवेश से रोजगार सृजन होगा, लोगों की आय में वृद्धि होगी और देश के विकास में उत्तराखंड प्रभावी भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों के अनुभवों से सीखते हुए बहुत से सुधार किये गये हैं। राज्य में अधिक से अधिक निवेश आए इसके लिये हम ठोस तरीके से काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बाबा केदार की भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा और इन्वेस्टर्स समिट इसी दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
मुख्य सचिव डा. एस.एस. संधू ने कहा कि उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लोगो में उत्तराखंड की विशिष्टताओं को प्रदर्शित किया गया है। पहले लोग यहां शांति के लिए आते थे, अब पर्यटन और निवेश के लिये आ रहे हैं। पर्यटन, योग, वैलनेस, सर्विस सेक्टर, कृषि और हॉर्टीकल्चर पर राज्य सरकार फोकस कर रही है। प्रदेश में बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने के लिये निवेश महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार राज्य के नागरिकों की क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार करने का प्रयास कर रही है। कृषि और हॉर्टीकल्चर को प्रमुखता दी जा रही है। प्रदेश की जीडीपी में 40 प्रतिशत योगदान देने वाले सेवा क्षेत्र के लिये भी नई नीति बनाई गई है।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्वागत और सचिव विनय शंकर पाण्डे ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, सचिव शैलेश बगोली, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
लोगो की विशेषता-
डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड- ग्लोबल समिट 2023 का लोगो राज्य की भावनाओं का प्रतिबिम्ब है। लोगो में दो पर्वत श्रृंखलाएं निरंतरता के साथ प्रगति के परिचायक तीर का सृजन करता है, जो न केवल असीमित प्रगति का प्रतीक है, बल्कि विकास और सतत विकास की निरंतरता का द्योतक है। दोनों पर्वत श्रृंखलाएं दो महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रदर्शित करती हैं- उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता और कुशल श्रम शक्ति की अनवरत श्रृंखला। लोगो में हरा रंग राज्य की प्राकृतिक सुन्दरता औृति के साथ सामन्जस्य का प्रतीक है। नीला रंग अवसरों, आकांक्षाओं और नये विचारों के लिये असीमित आकाश का प्रतिनिधित्व करता है।
समिट की टैग लाइन पीस टू प्रॉस्पेरिटी है –

निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति के लिये राज्य में ऑनलाइन सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल www.investuttarakhand.uk.gov.in बनाई गई है।
गौरतलब है कि धामी सरकार दिसंबर में प्रस्तावित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। इन्वेस्टर्स समिट के लिए देहरादून से दिल्ली तक बैठकों का दौर लगातार जारी है।

साभार -हिस

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