सिरसा। सफलता डिग्री नहीं, हुनर मांगती है। सिहरियां उन्हें मुबारक कर दो जिन्हें सिर्फ छत तक जाना है, रास्ता खुद बनाओ तू है तो आसमां में घर बनाना है… इन पंक्तियां को सार्थक कर रहा है ऐलनाबाद के वार्ड नंबर-12 निवासी पर्वतारोही हुक्म चंद उर्फ चांद माही।
सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले हुकम चंद उर्फ चांदी माही ने हिम्मत, बुलंद हौंसले और जुनून से वो सब कर दिखाया, जिसे करना तो दूर, सोचने भर से भी डर लगता है। अपने बुलंद हौंसले और दृढ़ निश्चय से हुकम चंद ने विश्व की ऊंची से ऊंची पर्वत चोटियों को छूकर उन लोगों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो सब कुछ होकर भी कुछ नहीं करपाते। हालांकि परिस्थितियां हुक्म चंद उर्फ चांद माही के अनुकूल नहीं थी, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और अपने दृढ़ निश्चय से एक नया मुकाम हासिल किया है।
हुकम चंद की सफलता पर न केवल परिवार, बल्कि पूरे ऐलनाबाद हलके के लोग गर्व करते हैं। वहीं इतना सब कुछ होने के बाद भी हुकम चन्द का परिवार कमजोर आर्थिक हालात से जूझ रहा है, लेकिन कोई परिवार की मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ा रहा। हुकम चन्द उर्फ चांद माहीं पिछले कई सालों में देश-विदेश की चोटियों पर चढ़ाई कर चुका है। जिनमें माउंट एलब्रश, मास्को, रशिया (यूरोप) ऊंचाई 18510 फुट, जोकि यूरोप की सबसे ऊंची चोटी है।
किलि मंजारो, दक्षिण अफ्रीका, ऊंचाई 19341 फुट, माउंट नून, कारगिल, लद्दाख, ऊंचाई 23409 फुट,माउंट बाला चंद्र, मनाली (हिमाचल प्रदेश) ऊंचाई 16000 फुट आदि। अब चांद माही ऑस्ट्रेलिया की 17352 फुट ऊंची चोटी स्कियूजको पर चढ़ाई करने का सपना पाले हुए हैं। इस चोटी का शिखर समुद्र स्तर से 7310 फीट ऊंचा है। यह न्यू साउथवेल्स, ऑस्ट्रेलिया में स्थित हैं। अभी तक यह पर्वतारोही सात में से दो महाद्वीपों की चोटियां फतेह कर चुका है। हुकम चन्द का सपना है की वह सभी महाद्वीपों की ऊंची चोटियों को फतेह करना चाहता है।