आइजल, पूर्व उग्रवादी समूह पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन (पीएएमआरए या पामरा) ने अब अपना बयान बदलकर कहा है कि मणिपुर के मैतेई लोगों से मिजोरम छोड़ने के लिए नहीं, बल्कि सावधान रहने को कहा गया है।
इससे पहले मणिपुर में नग्न वीडियो वायरल होने की घटना के बाद 21 जुलाई को युद्धविरामी एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन ने सुरक्षा की दृष्टि से मैतेई लोगों को मिजोरम छोड़ने को कहा था। इसके मद्देनजर 22 जुलाई को मणिपुर सरकार ने आइजोल में रहने वाले मैतैइयों को पड़ोसी असम के सिलचर और इंफाल में हवाई मार्ग से ले जाने का फैसला लिया था। इसी धमकी के मद्देनजर मिजोरम में रहने वाले मैतेइयों की सुरक्षा के संबंध में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों एन बीरेन सिंह और जोरामथांगा के बीच कई बार फोन पर बातचीत हुई है।
इस बीच, मिजोरम पुलिस प्रशासन ने भी राज्य के आइजोल शहर में मैतैइयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सख्त कदम उठाए हैं। ऑल मिजोरम मणिपुरी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मिजोरम के गृह विभाग से कई बार मुलाकात की है। गृह आयुक्त पु एच लालेंगमाओइया ने सभी बैठकों में मैतैइयों को मिजोरम में पूर्ण सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। पिछली बैठक में गृह आयुक्त ने ऑल मिजोरम मणिपुरी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को ‘पामरा’ के बयान को लेकर सुरक्षा देने का आश्वासन दिया था।
इस बीच, शनिवार को ‘पामरा’ की चेतावनी के मद्देनजर गृह आयुक्त पु एच लालेंगमाओइया ने अपने सरकारी कक्ष में इस एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। बैठक के बाद शनिवार की रात एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि उनका बयान सलाह या परामर्श था, धमकी नहीं। इसने मिजोरम में रहने वाले मैतेई लोगों से मणिपुर में चल रहे सांप्रदायिक संघर्ष के संबंध में जनभावना को देखते हुए सावधानी बरतने का आग्रह किया।
बयान में उन्होंने कहा है कि वे मिजोरम में मणिपुरियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य (मिजोरम) सरकार के उठाए गए कदमों और उपायों से संतुष्ट हैं। प्रतिनिधियों को खेद है कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। राज्य में शांति का आह्वान करते हुए पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्होंने अपने बयान पर अमल नहीं करने का फैसला किया है।
साभार -हिस