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सरकारी विभाग निविदा की प्रक्रिया हो पारदर्शिता- प्रमोद कुमार
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पंचायती राज विभाग की निविदा में हुई अनियमितता, संलिप्त लोगों पर हो कार्रवाई
रांची: राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग से जनवरी 2023 में भारत सरकार के कार्यक्रम राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के संचालन के लिए मानवबल उपलब्ध कराने हेतु निविदा प्रकाशित की गई जिसमें कुल 32 एजेंसीओं ने भाग लिया।
तकनीकी मूल्याङ्कन के उपरांत दिनांक 26.06.2023 को पत्र के माध्यम से कुल 12 एजेंसियों को योग्य घोषित किया गया एवं शेष अयोग्य तथा दिनांक 27.07.2023 को वित्तीय भाग खोलने की सुचना भी इसी पत्र के माध्यम से दी गई। इस पूरी निविदा में अनियमितता प्रारम्भ से ही शुरू हो चुकी थी किसके निर्देश पर या किसके आदेश पर हुई यह जाँच का विषय है। ये बातें झारखण्ड कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने शुक्रवार को रांची के एक निजी होटल में पत्रकारों से बातचीत में कही।
प्रमोद कुमार ने कहा कि निविदा प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा कि इस निविदा के अनुसार अंकित मानवबल की संख्या एवं उनके वेतनमान से अनुमानत सालाना 20-25 करोड़ की लागत आएगी। इतनी बड़ी निविदा के लिए ऑफलाइन प्रक्रिया क्यों अपनाई गई, यह सवालों के घेरे में है।
निविदा प्रक्रिया के नियमानुसार जो भी निविदादाता अयोग्य होते हैं उन्हें उनके कागजातों की कमियों के सम्बन्ध में जानकारी के साथ स्पष्टीकरण हेतु समय दिया जाता है, परन्तु ऐसा कुछ भी नहीं किया गया एवं आनन फानन में वित्तीय भाग खोल दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि निविदा के घोर अनियमितता तब और उजागर हो गई जब तकनिकी रूप से योग्य निविदादाता के समक्ष वित्तीय भाग खोला तो गया परन्तु किसी भी निविदादाता का दर सार्वजनिक नहीं किया गया। पूछे जाने पर जवाब दिया गया कि आपको अपने दर की जानकारी है न विशेष जानकारी बाद में दी जाएगी।
यह प्रक्रिया सरासर असंवैधानिक है एवं बाद में वित्तीय भाग के साथ छेडछाड़ से इंकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने विभाग से मांग की कि इन तमाम अनियमितताओं को मद्देनजर रखते हुए संगठन इस निविदा को तत्काल रद्द किया जाय एवं इस प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाय। साथ ही साथ निविदा समिति में शामिल अन्य विभागों के वैसे अधिकारी जो वित्तीय भाग खोलने के समय उपस्थित थे उनके द्वारा भी किसी प्रकार की आपत्ति नहीं की गई ऐसे में उनसे भी कारण पूछा जाना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होने एक अन्य मामले को उठाया और कहा कि नगर निगम में भी भारत सरकार की परियोजना अर्बन हेल्थ वेलनेस सेंटर के संचालन हेतु मानवबल की निविदा निकाली गई, जिसमें कुल तीन निविदादाता को सफल घोषित करते हुए उनका वित्तीय भाग खोला गया था जिसमें एडवांस बिजनेस कारपोरेट नामक ऐजेन्सी एल 1 आयी थी।
यहां एल 2 एजेन्सी के द्वारा रांची नगर निगम को एक पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी गई कि एल 1 ऐजेन्सी राज्य के एमजीएम जमशेदपुर से ब्लेैक लिस्ट की हुई है। रांची नगर निगम द्वारा इस पत्र के अलोक में दिनांक 31.03.2023 को स्वास्थ्य विभाग से जानकारी हेतु पत्र प्रेषित किया गया।
नियमत: रांची नगर निगम को उस पत्र के जवाब का इंतजार करना चाहिए था परन्तु एक तरफ पत्र प्रेषित करने के साथ निगम ने एल 2 एजेन्सी को कायार्देश भी दे दिया। दिनांक 29.05.2023 को स्वास्थ्य विभाग के पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई कि एल 1 एजेन्सी आज की तिथि में स्वास्थ्य विभाग से ब्लैक लिस्ट नहीं है। ऐसी परिस्थिति में निगम को तत्काल एल 1 ऐजेन्सी को कायार्देश दे देना चाहिए था परन्तु अब तक ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है।
संगठन मांग करता है कि तत्काल एल 1 ऐजेन्सी को कार्य आवंटित किया जाये एवं जिस एजेन्सी के द्वारा गलत तथ्य प्रस्तुत किया गया है उस ऐजेन्सी के खिलाफ कठोर करवाई की जाये ताकि वह सरकार के किसी विभाग में निविदा डालकर व्यवधान पैदा न कर सके। इस मौके पर झारखण्ड कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के नीरज पांडेय, विजय कुमार, कृत कुमार, अनुज कुमार, विशाल राज, रोहित कुमार आदि मौजूद थे।