नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार के 9 साल पूरे होने पर इस दौरान सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, राष्ट्र निर्माताओं की विरासत को सम्मान देने, देश भर में आध्यात्मिक स्थलों का पुनर्विकास और कायाकल्प से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में एक विस्तृत जानकारी साझा की है। www.narendramodi.in/vikasyatra पर कन्वर्सिंग कल्चरल हेरिटेज के अन्तर्गत लेख, ग्राफिक्स और वीडियो आदि के माध्यम से पिछले 9 सालों में इस दिशा में किए गए प्रयासों को प्रस्तुत किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह लिंक साझा करते हुए शनिवार को ट्वीट किया, “हमें अपनी समृद्ध और विविध संस्कृति पर गर्व है। भारत की गौरवशाली विरासत को पुनर्जीवित करने और सम्मान देने की दिशा में कई प्रयास किए गए हैं, जिन्होंने हमारे युवाओं और हमारी संस्कृति के बीच के बंधन को और गहरा किया है।”
कन्वसिंग कल्चरल हेरिटेज में गुजरात में सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा- स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, तेलंगाना में रामानुजाचार्य स्वामी की विशाल प्रतिमा- स्टेच्यू ऑफ इक्वालिटी, कर्नाटक में नादप्रभु केम्पेगौड़ा की- स्टेच्यू ऑफ प्रास्पेरिटी, केदारनाथ धाम में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा, नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष बोस की प्रतिमा, नई दिल्ली के ही अम्बेडकर इंटरनेशल सेंटर में बाबासाहेब आम्बेडकर की प्रतिमा, जेएनयू में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा, रांची में बिरसा मुंडा की प्रतिमा और पुणे में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण को भी विशेष महत्व के साथ प्रस्तुत किया गया है। मोदी सरकार में देश की संस्कृति, सभ्यता और ऐतिहासिक महत्व की धरोहरों को सहेजने व लोगों तक उनकी जानकारी पहुंचाने के साथ ही, आजादी के 75वे साल में देश के लिए कुर्बानी देने वाले गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों की बलिदान गाथा को सामने लाने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी भी यहां मिलेगी।
साभार -हिस