गोवा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को गोवा विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पंचायत से लेकर संसद तक सभी विधायी संस्थाओं का दायित्व है कि वे जनता की समस्याओं को कार्यपालिका तक प्रभावी रूप से पहुंचाएं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि हमारी विधायिकाओं में चर्चा और संवाद का उच्च स्तर हो तथा विधायिकाओं की कार्यवाही शांति एवं गरिमा के साथ चले।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला एक दिवसीय गोवा दौरे पर हैं। उन्होंने आज गोवा विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया। यह सत्र ‘विकसित भारत 2047: जन प्रतिनिधियों की भूमिका’ विषय पर आयोजित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में असहमति व्यक्त करने के पर्याप्त मार्ग हैं। संसद के अंदर यदि शालीनता से असहमति व्यक्त की जाए तो इससे देश और भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा बढ़ती है। उन्होंने सुझाव दिया कि जनप्रतिनिधि जनता की आशाओं और आकांक्षाओं को सदन में आवाज़ दें जिससे उनकी परेशानियों का हल निकल सके। सदन के अंदर मर्यादित व्यवहार से सदन की प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावड़कर, राज्य के मंत्री एवं विधानसभा सदस्यों समेत कई गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। वहीं गोवा में विपक्ष ने बिरला के कार्यक्रम का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने सवाल किया कि मानहानि मामले में अयोग्य ठहराए गए पार्टी नेता राहुल गांधी को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और रिवोल्यूशनरी गोअन्स पार्टी ने समारोह में भाग नहीं लिया।
कानून निर्माण की प्रक्रिया में सदस्यों की समुचित भागीदारी का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए कानूनी प्रस्तावों पर व्यापक बहस होनी चाहिए। इस चर्चा में हमारा यही उद्देश्य हो कि उनका आम जनमानस के जीवन पर क्या असर पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कानूनों पर जितनी व्यापक चर्चा होगी, उतने ही प्रभावी कानून बनेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि इस महासंकल्प की सिद्धि तभी संभव है जब देश का प्रत्येक नागरिक और देश की सभी संस्थाएं, जिनमें देश की निर्वाचित संस्थाएं शामिल हैं, इसके लिए समर्पित भाव से सामूहिक प्रयास करें। उन्होंने सुझाव दिया कि देश की सभी विधानसभाओं को टेक्नोलॉजी का अधिकतम इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही विधानसभा सदस्यों के क्षमता निर्माण की उचित व्यवस्था, विधि निर्माण में उनकी सार्थक भागीदारी सुनिश्चित करें, जिससे विधि निर्माता अपनी-अपनी विधायिकाओं को सर्वश्रेष्ठ बना सकेंगे।
गोवा विधानसभा के शानदार इतिहास का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि विधानसभा की गोवा के सामाजिक आर्थिक विकास और लोगों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. सावंत ने नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए बिरला को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उनका दृढ़ विश्वास है कि नई संसद देश की आने वाली पीढ़ियों के लिए अमृतकाल का उपहार सिद्ध होगी।
अपने स्वागत भाषण में गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रमेश तावड़कर ने कहा कि एक आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिए अन्य हितधारकों के साथ-साथ विधानमंडलों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष जोशुआ डिसूजा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर ओम बिरला ने गोवा विधानसभा परिसर में पौधारोपण किया।
साभार -हिस