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बाद में घोषित की जाएगी चुनाव की नई तारीख
नई दिल्ली. भारतीय निर्वाचन आयोग ने 25.02.2020 को अप्रैल, 2020 में सेवानिवृत्ति के चलते खाली होने जा रही 17 राज्यों की 55 सीटों को भरने के लिए चुनाव कराने की घोषणा की थी, जिसके लिए 06.03.2020 को अधिसूचना संख्या 318/सीएस-मल्टी/2020(1) के माध्यम से अधिसूचना जारी की गई थी। नाम वापसी की अंतिम तारीख 18.03.2020 के बाद संबंधित रिटर्निंग अधिकारी 10 राज्यों की 37 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन का ऐलान कर चुके हैं। अब संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों से मिली रिपोर्ट्स के आधार पर आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और राजस्थान में 26.03.2020 (बृहस्पतिवार) को द्विवार्षिक चुनाव होने हैं और आयोग द्वारा पूर्व में घोषित 30.03.2020 (सोमवार) तारीख से पहले संपत्न कराए जाने थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11.03.2020 को कोरोना वायरस कोविड-19 को एक वैश्विक महामारी घोषित कर दिया था। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार ने कोविड-19 की निगरानी और प्रसार पर रोकथाम के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए हैं। भारत सरकार ने अपने 22.03.2020 के प्रेस नोट के माध्यम से सभी राज्यों से कोविड-19 की चेन को तोड़ने के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए कहा है। इसमें 31.03.2020 तक उप नगरीय रेल सेवाओं सहित सभी ट्रेन सेवाओं को निलंबित करना, अस्पताल, दूरसंचार, दवाओं की दुकानों, किराना दुकानों आदि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर हर तरह की गतिविधियों पर रोक लगाना शामिल है। इस क्रम में 23.03.2020 को सभी घरेलू वाणिज्यिक विमानन कंपनियों को परिचालन बंद करने के लिए कह दिया गया, जो 24.03.2020 को 23.59 बजे से प्रभावी है। राज्य सरकार को कोविड-19 के प्रबंधन और रोक के लिए स्थानीय परिवहन पर रोक सहित कई आदेश जारी किए गए हैं। आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और राजस्थान ने कोविड-19 के प्रसार पर रोक लगाने के लिए लॉकडाउन के आदेश जारी कर दिए हैं।
आयोग ने इस मामले की व्यापक रूप से समीक्षा की है। सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिहाज से अप्रत्याशित आपातकालीन हालात को देखते हुए किसी भी प्रकार से लोगों की भीड़ की संभावनाओं से बचने की जरूरत के संकेत मिलते हैं, जिससे बड़े खतरों की आशंकाएं बढ़ती हैं।
आयोग ने इस मुद्दे पर विस्तार से समीक्षा की है। सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिहाज से आपातकालीन हालात में किसी भी प्रकार की भीड़ इकट्टी हो, इससे बचने की जरूरत है। चुनाव प्रक्रिया के दौरान मतदान के दिन निश्चित रूप से चुनाव अधिकारियों, राजनीतिक दलों के एजेंट, सहयोगी अधिकारी और संबंधित विधानसभा के सदस्य इकट्ठा होंगे, जो अप्रत्याशित हालात के संबंध में और देश भर में जारी परामर्श को देखते हुए उपयुक्त नहीं है।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 153 में उल्लेख है कि उचित वजहों को देखते हुए निर्वाचन आयोग धारा 30 या धारा 39 की उप धारा (1) के अंतर्गत अधिसूचना में संशोधन करके किसी भी चुनाव को पूरा करने का समय बढ़ा सकता है। इस क्रम में चुनाव आयोग ने अधिनियम की धारा 153 के प्रावधानों के तहत संबंधित चुनाव को स्थगित कर दिया है और इसकी समयसीमा बढ़ा दी है। अधिसूचना के मुताबिक, संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा पूर्व में जारी चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की सूची बाकी गतिविधियों के लिए वैध बनी रहेगी। द्वैवार्षिक चुनाव के लिए मतदान और गणना की नई तारीख हालात की समीक्षा के बाद की जाएगी।