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सीबीआई ने स्वतंत्र पत्रकार विवेक रघुवंशी और नौसेना के पूर्व कमांडर आशीष पाठक को ‘जासूसी’ में गिरफ्तार किया

  •  दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और जयपुर में 12 स्थानों पर तलाशी में मिला अहम डिजिटल रिकॉर्ड

  •  भारत की कूटनीतिक और रणनीतिक वार्ता से संबंधित जानकारी एकत्र करने का भी आरोप

नई दिल्ली, केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्वतंत्र पत्रकार विवेक रघुवंशी और नौसेना के पूर्व कमांडर को जासूसी के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ सीबीआई ने मंगलवार को जासूसी का मामला दर्ज किया गया था। स्वतंत्र पत्रकार पर डीआरडीओ और भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की खरीद से संबंधित संवेदनशील जानकारी एकत्र करके विदेशी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करने का आरोप है। सीबीआई ने मामला दर्ज करने के बाद दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और जयपुर में 12 स्थानों पर तलाशी ली है।

शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने रघुवंशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और इसके बाद जांच सीबीआई को सौंप दी। इसके बाद सीबीआई ने रघुवंशी और नौसेना के पूर्व कमांडर आशीष पाठक के खिलाफ गोपनीयता कानून के तहत आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद एफआईआर के आधार पर जांच एजेंसी ने विवेक रघुवंशी और उनके करीबियों के जयपुर और एनसीआर स्थित 12 ठिकानों पर छापे मारे, जहां से बड़ी मात्रा में डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। छापे के दौरान बरामद संवेदनशील दस्तावेज को कानूनी समीक्षा के लिए भेजा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, विवेक रघुवंशी और नौसेना के पूर्व कमांडर आशीष पाठक को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई का आरोप है कि यह लोग डीआरडीओ की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति के बारे में संवेदनशील जानकारी और सूक्ष्म विवरण एकत्र कर रहे थे। एजेंसी का यह भी आरोप है कि भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की खरीद योजनाओं का विवरण एकत्र करने से देश की रणनीतिक तैयारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता था।

एफआईआर में सीबीआई का आरोप है कि रघुवंशी ने मित्र देशों के साथ भारत की रणनीतिक और कूटनीतिक बातचीत के ब्यौरे के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय संचार सूचनाओं की जानकारी जुटाई थी। अगर ये सूचनाएं सामने आतीं, तो इन देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध खराब हो सकते थे। इन पर रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) और सेना के बारे में कथित रूप से संवेदनशील जानकारी एकत्र करने और उसे विदेश की खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करने का आरोप है।
साभार -हिस

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