-
सात दिन की एक कन्या शिशु बरामद, बिहार रवाना हुई पुलिस टीम
सिलीगुड़ी, सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने ग्राहक बनकर मानव तस्करी गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एसओजी ने माटीगाड़ा थाना पुलिस की मदद से उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पास गेट नंबर दो से चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से सात दिन की एक कन्या शिशु भी बरामद हुई है। बरामद सात दिन की कन्या शिशु को सीडब्ल्यूसी के माध्यम से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल भेज दिया गया है।
गिरफ्तार लोगों के नाम वीना देवी, प्रतीक देबनाथ, गौरी बहादुर छेत्री और प्रभा देवी है। इनमें प्रतीक और गौरी पति-पत्नी हैं। ये दोनों सिलीगुड़ी के सूर्यसेन कॉलोनी के रहने वाले हैं। सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर ने पूरे घटनाक्रम की जांच रिपोर्ट डिटेक्टिव डिपार्टमेंट को सौंप दी है।
सिलीगुड़ी के एडीसीपी सुवेंद्र कुमार ने बताया कि चार दिन पहले सिलीगुड़ी पुलिस को सूचना मिली थी कि शहर में मानव तस्कर गिरोह सक्रिय है जो शिशु को बेचता है। इसी आधार पर एसओजी की एक टीम ने जांच शुरू की। टीम ने ग्राहक बनकर मानव तस्कर गिरोह से संपर्क किया। संपर्क करने के बाद एजेंटों ने बच्चों की कई तस्वीरें दिखाई। जिसमें छह महीने से लेकर एक साल तक के नवजात शिशु थे। इसमें से एक सात दिन की कन्या शिशु को पसंद किया गया। जिसकी डील एजेंट के साथ साढ़े सात लाख रुपये में फाइनल हुई। सब कुछ फाइनल होने के बाद प्रतीक और गौरी ने शनिवार को उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के सामने टीम को आने को कहा। जिसके बाद टीम एक महिला कांस्टेबल के साथ ग्राहक बनकर उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के सामने पहुंची। इस दौरान एजेंट ने पहले रुपये दिखाने की मांग की। जिसके बाद एजेंट को रुपया भी दिखाया गया। रुपया देखने के बाद गौरी ने वीना को कॉल कर शिशु को लेकर आने को कहा।
एडीसीपी के अनुसार इसके बाद वीना अपने एक साथी प्रभा देवी को लेकर शिशु के साथ विश्वविद्यालय के सामने आ गई। इस दौरान पुलिस ने चारों लोगों को रंगेहाथ पकड़ लिया। वहीं, शिशु को बरामद कर लिया गया। जब आरोपितों को पूछताछ के लिए माटीगाड़ा थाने लाया गया तो सनसनीखेज खुलासा हुआ। टीम को पता चला कि शिशु को बिहार के एक आईवीएफ (न्यूलाईफ फर्टिलिटी सेन्टर) सेंटर से लाया गया है। वीना के खाते से करीब दो लाख रुपये उसके लिए बिहार के एक एजेंट के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। जिसके बाद प्रभा देवी बच्ची को बिहार से सिलीगुड़ी ले आई।
शुरुआती पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि गौरी सिलीगुड़ी के पाकुरतला मोड़ के पास इलाके में एक आईवीएफ सेंटर की कर्मचारी है जबकि वीना सिलीगुड़ी में भक्तिनगर पुलिस थाना चेक पोस्ट से सटे एक इलाके में आईवीएफ केंद्र कर्मचारी है। पुलिस को इस संबंध में प्रभा देवी से एक डॉक्टर की पर्ची मिली है लेकिन सिलीगुड़ी पुलिस की एक टीम यह पता लगाने के लिए बिहार रवाना हो गई है कि बच्ची को उसने चुराया था या उसे बेचा गया था।
उन्होंने कहा कि पूरी घटना में सिलीगुड़ी और बिहार के कई अन्य लोगों के शामिल होने की संभावना है। इस मामले में कई डॉक्टर भी शामिल हो सकते हैं।
साभार -हिस