नई दिल्ली, संसद में बुधवार को भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी रहा, जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही पहले दो बजे और फिर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इसी बीच लोकसभा में अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 पेश किया गया।
दोनों सदनों में विपक्ष अडानी मामले को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराए जाने की मांग पर अड़ा रहा। वहीं सत्ता पक्ष राहुल गांधी से माफी मांगने की अपनी मांग दोहराता रहा। दोनों पक्षों में जारी गतिरोध के चलते बुधवार को तीसरे दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चल सकी।
लोकसभा में सुबह कार्यवाही की शुरुआत से ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद को आस्था का केंद्र और लोकतंत्र का मंदिर बताते हुए कहा कि किसी भी सांसद को सदन के भीतर या बाहर इसकी आलोचना नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही अध्यक्ष ने विपक्षी सांसदों के सदन के बीचोंबीच आकर तख्तियां दिखाने के व्यवहार की भी आलोचना की।
लोकसभा में सुबह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के तीसरे दिन विपक्ष के हंगामा कर रहे सदस्यों को निलंबित करने की मांग की। इसके बाद कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन के दोबारा शुरू होने पर केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी के विदेश में दिए बयान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सदन के नेता राहुल गांधी ने चेयर और देश का अपमान किया है। साथ ही उन्होंने तख्तियां लेकर सदन में आने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की।
इसी शोर शराबे के बीच लोकसभा में केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 पेश किया। फिर हंगामे के चलते कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
ऐसी ही स्थिति राज्यसभा में भी रही, जहां आवश्यक कार्य प्रक्रिया के बाद कार्यवाही को पहले दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया और बाद में हंगामे को थमता न देख कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने जैसे ही अपनी बात रखनी चाही, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे को देखते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद दोपहर को कार्यवाही शुरू होने पर सभापति ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी बात रखने के लिए कहा। वे अडानी मुद्दे पर ईडी को लिखे पत्र और विपक्ष के मार्च पर अपनी बात रखने लगे, लेकिन सत्ता पक्ष की तरफ से राहुल गांधी माफी मांगों के नारे लगने लगे। इन्हें देखते हुए सभापति ने कार्यवाही को दिनभर तक के लिए स्थगित कर दिया।
साभार -हिस