-
हाथ में गदा लेकर उड़ान भरते हनुमान जी की तस्वीर लगाई गई थी विमान की पूंछ पर
-
विवाद बढ़ने पर फोटो हटाने का फैसला एचएएल की आंतरिक बैठक में लिया गया
एचएएल के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने बताया कि एचएएल ने लड़ाकू पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए स्वदेशी सुपरसोनिक एयरक्राफ्ट एचएलएफटी-42 डिजाइन किया है। बेंगलुरु में शुरू हुए एयरो-इंडिया के पवेलियन में एचएएल ने इस ट्रेनर विमान का मॉडल लगाया है। यह दो इंजनों वाला पहला स्वदेशी ट्रेनर लड़ाकू विमान है, क्योंकि एचएएल के पास अभी जो लड़ाकू विमान है, वह एक इंजन वाला तेजस है। उन्होंने बताया कि विमान की पूंछ पर भगवान हनुमान की तस्वीर उकेरकर एचएएल ने अपनी पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया।
सीएमडी अनंतकृष्णन ने विमान मॉडल की पूंछ पर भगवान हनुमान की तस्वीर लगाने के पीछे दो तर्क दिए। पहली वजह में उन्होंने बताया है कि एचएएल ने अपने पहले ट्रेनर विमान का नाम मारूत रखा था, जिसका इसका शाब्दिक अर्थ मारूति है यानी कि पवन देव और पवन देव के पुत्र भगवान हनुमान। दूसरा कारण बताया कि यह विमान हनुमान जी की शक्तियों से प्रेरित है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए एयर शो में प्रदर्शित एचएलएफटी-42 विमान की पूंछ पर हाथ में गदा लेकर उड़ान भरते भगवान हनुमान की तस्वीर लगाई गई थी। इसी के साथ विमान के ऊपर लिखा गया था- The Storm Is Coming, यानी तूफान आ रहा है।
एयरो शो के दौरान इस ट्रेनर विमान की तस्वीर वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया। विरोध करने वालों ने सवाल किया कि आखिर एक धर्मनिरपेक्ष देश में किसी विमान पर भगवान हनुमान की तस्वीर कैसे हो सकती है। सीएमडी अनंतकृष्णन ने बताया कि विवाद बढ़ने पर एचएएल की एक आंतरिक बैठक बुलाई गई, इसमें विमान से बजरंगबली की फोटो हटाये जाने का फैसला लिया गया।
एचएएल की ओर से कहा गया है कि एचएलएफटी-42 ट्रेनर विमान में एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैंड अरे, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट, वायर कंट्रोल के इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैक विद फ्लाई जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं। येलहंका स्थित वायुसेना अड्डे में पांच दिवसीय एयरोस्पेस और रक्षा शो में एचएएल की ओर से 15 हेलीकॉप्टर की मदद से ‘आत्मनिर्भर’ फॉर्मेशन में उड़ान का प्रदर्शन किया जाना है, जिसमें एलसीए ट्विन सीटर वेरिएंट, प्रचंड हेलीकॉप्टर, समुद्री हॉक-आई, हल्के यूटिलिटी हेलीकॉप्टर और एचटीटी-40 शामिल हैं।
साभार- हिस