बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने बताया कि बैठक में बातचीत सतत विकास के रास्ते तलाशने पर केंद्रित थी, विशेषकर अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एकल उपयोग वाले प्लास्टिक से निपटने, वन प्रबंधन और जलवायु लचीलापन पर चर्चा की गई। बैठक में जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने वनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, पर्यावरण और जलवायु पर अफ्रीका में त्रिपक्षीय सहयोग, सर्कुलर अर्थव्यवस्था, प्लास्टिक के विकल्प और दोनों देश इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं से जुड़े संबंधित मुद्दों को उठाया।
भूपेन्द्र यादव ने प्रधानमंत्री के शुरू किए गए मिशन लाइफ के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्लास्टिक कचरे से निपटने, प्लास्टिक के विकल्प, लुप्तप्राय प्रजातियों और वनों के संरक्षण, वन सर्वेक्षण, कृषि वानिकी के लिए भारत द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख किया। अफ्रीका में त्रिपक्षीय सहयोग के प्रश्न पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि विद्युत मंत्रालय पहले से ही अफ्रीका में विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहा है, लेकिन अफ्रीका में पर्यावरण और जलवायु पर किसी भी त्रिपक्षीय सहयोग के लिए पहले विदेश मंत्रालय से परामर्श करना होगा।
साभार- हिस
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