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‘ग्लाइफोसेट’ पर प्रतिबंध लगाने से पहले सरकार उपलब्ध कराए जैविक खरपतवार नाशी दवा : डॉ त्रिपाठी

नई दिल्ली, अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) ने ‘ग्लाइफोसेट’ नामक खरपतवारनाशी दवा पर प्रतिबंध लगाने पर चिंता व्यक्त की है। आईफा का कहना है कि ‘ग्लाइफोसेट’ की जगह कोई जैविक खरपतवारनाशी का पहले किसानों को विकल्प दिया जाए फिर इस पर प्रतिबंध लगाया जाए।

आईफा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी ने मंगलवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर किसानों की समस्याओं से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि पत्र में उन्होंने कृषि मंत्री तोमर से अनुरोध किया है कि किसानों के लिए सरकार पहले ‘ग्लाइफोसेट’ की जगह कोई सुरक्षित जैविक खरपतवारनाशी दवा उपलब्ध कराए फिर ‘ग्लाइफोसेट पर प्रतिबंध लगाए।

त्रिपाठी ने कहा कि सरकार ने हाल ही में ‘ग्लाइफोसेट’ नामक खरपतवार नाशक उत्पाद की बिक्री को सीमित कर दिया है। अब सिर्फ पेस्ट कंट्रोल ऑपरेटर्स और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) ही इसे बेच सकेंगे। उन्होंने कहा कि अभी देश में पर्याप्त संख्या में एफपीओ और पीसीओ उपलब्ध नहीं है। ऐसे में किसानों को समस्या होगी। इससे किसानों की उपज प्रभावित हो सकती है और कृषि लागत बढ़ सकती है।

त्रिपाठी ने कहा कि हमें खबरें मिल रही हैं कि कई राज्यों में इस उत्पाद को खरीदने वाले किसानों को कानून के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है, यह किसान संगठनों के लिए बड़ी चिंता का विषय है, और आईफा इसे लेकर खामोश नहीं बैठने वाली है। ऐसे में आईफो की ओ से देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को इस समस्या के बारे में अवगत कराते हुए एक पत्र लिखा गया है। आईफा ने केन्द्र सरकार से इस मुद्दे पर शीघ्र समाधान निकालने का अनुरोध किया है।
साभार- हिस

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