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ख्वाजा साहब के दरबार में हाजिरी लगाने से मिला सुकून मिला : ममता बनर्जी
अजमेर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर जियारत की। वे यहां काफी देर रुकी और ख्वाजा साहब की मजार पर चादर पेश कर अकीदत के फूल चढ़ाए। उन्होंने पश्चिम बंगाल में सत्ता वापसी के लिए शुकराना अदा किया और कहा कि उन्हें यहां आने की बहुत इच्छा थी, हाजिरी लग गई है तो सुकून मिला।
दरगाह के खादिम मुकद्दस मोईनी, सैय्यद हिमायत मोईनी सैय्यद फरमान मोईनी ने उन्हें जियारत कराई और तबर्रुक भेंट किया। इस अवसर पर उन्हें दरगाह की तस्वीर भेंट की गई। ममता बनर्जी दरगाह में जियारत के दौरान काफी खुश नजर आईं। उन्होंने खादिमों से बातचीत में इसका इजहार भी किया। इस मौके पर बनर्जी ने बताया कि उन्होंने मुल्क में अमन चैन के लिए दुआ की है और पश्चिम बंगाल में सत्ता में आने के लिए शुक्रिया किया है। चुनाव के दौरान उन्होंने मन्नत की थी। वह पूरी होने के बाद से ही यहां आना चाहती थीं। ममता बनर्जी ने दरगाह में देग पकाने की ख्वाहिश भी रखी।
खादिम मुकद्दस मोईनी ने बताया कि ममता बनर्जी ने मन्नत का धागा बांधा। उन्होंने उन्हें चुनरी ओढ़ाई व प्रसाद दिया। उन्होंने बताया कि जब पूर्व में ममता बनर्जी अजमेर दरगाह शरीफ आईं थीं तो यहां उन्होंने मन्नत का धागा बांधा था, इसके बाद उन्हें रेलवे मिनिस्ट्री मिली थी। इस बार उन्होंने फिर से आस्ताने में ही मन्नत का धागा बांधा है। किस लिए बांधा यह उन्होंने नहीं बताया। ममता बनर्जी ने यहां खादिमों की संस्था अंजुमन के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की और उन्हें अपने साथ लाई शॉल भेंट की।
दरगाह से लौटते हुए वे कमानीगेट के निकट स्थित दीवान साहब की हवेली गईं, जहां दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन और उनके पुत्र नसीरुद्दीन से मुलाकात की। यहां उन्होंने कुछ समय बिताया और उन्हें शॉल भेंट की। चाय-नाश्ता करने के बाद यहां से तीर्थ राज पुष्कर सरोवर पूजन एवं ब्रह्मा मंदिर के दर्शन के लिए कार में बैठ कर सीधे रवाना हो गई।
एडीएम अजमेर भावना गर्ग ने बताया कि ममता बनर्जी किशनगढ़ एयरपोर्ट पर उतरी, जहां से वे सड़क मार्ग से अजमेर सर्किट हाउस पहुंची। कुछ देर विश्राम के बाद वे दरगाह के लिए रवाना हुईं। दरगाह के बाहर पुलिस अधीक्षक चुनाराम जाट के नेतृत्व में भारी पुलिस बंदोबस्त व सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
साभार-हिस