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स्कूली छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड की मांग पर केंद्र व राज्यों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

  •  आवासीय स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट की व्यवस्था भी होनी चाहिए

नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्कूलों में कक्षा 6 से 12 की लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध करवाने की मांग पर केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया है।
डॉक्टर जया ठाकुर ने दायर याचिका में कहा है कि सरकारी, सरकारी अनुदान से चलने वाले और आवासीय स्कूलों में लड़कियों को सैनिटरी पैड देने के अलावा अलग टॉयलेट की व्यवस्था भी होनी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि 11 से 16 साल की गरीब छात्राएं सैनिटरी पैड का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। इससे उनकी पढ़ाई बाधित होने का खतरा रहता है।
याचिका में छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने के अलावा तीन स्तरीय जागरुकता कार्यक्रम चलाने का दिशा-निर्देश देने की मांग की गई है। पहले अभियान के तहत माहवारी को लेकर जागरुकता और सामाजिक आशंकाओं को दूर करना है। दूसरा, लड़कियों और महिलाओं को मुफ्त या रियायती दर पर माहवारी से जुड़ी सैनिटेशन सुविधाएं देना और तीसरा सैनिटरी कचरे का सुरक्षित निस्तारण किया जाना है।
साभार-हिस

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