नई दिल्ली, केंद्र सरकार ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल’ का बहुप्रतीक्षित मसौदा सार्वजनिक कर दिया है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज इस मसौदे को सोशल मीडिया पर भी साझा किया और नागरिकों से राय मांगी।
नए विधेयक को अब ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2022 कहा जाएगा। विधेयक को संसद के अगले बजट सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है। इसमें डेटा संग्रह पर ‘उद्देश्यपूर्ण सीमायें’ लगाई गई हैं, व्यक्तिगत डेटा एकत्र करने और संसाधित करने का आधार दिया गया है, देश से बाहर डेटा ले जाने पर छूट दी गई है और उल्लंघन करने वाले व्यवसायों पर दंड लगाने के प्रावधान हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को संशोधित मसौदा डेटा संरक्षण विधेयक जारी किया है। विधेयक का पिछला मसौदा वापिस लिया गया था। इसके तीन महीने बाद आज नया मसौदा पेश किया गया है। मसौदे को लेकर 17 दिसंबर तक अपनी राय रखी जा सकती है।
विधेयक में प्रावधान है कि कोई कंपनी यूजर का व्यक्तिगत डेटा एकत्र करने के दौरान सभी यूजर को सरल भाषा में विस्तार से इसकी जानकारी देगी। यूजर को अधिकार देना होगा कि वे यह जानकारी दे या न दे। बच्चों की जानकारी एकत्र करने से पहले उनके अभिभावकों की अनुमति जरूरी होगी और बच्चों को लक्षित कर इश्तिहार देने के लिए डाटा नहीं एकत्र किया जाएगा।
साभार-हिस