नई दिल्ली। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 17 मई 2022 को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी सर्वे में प्राप्त शिवलिंग की सुरक्षा की जाये। उस समय हिन्दू पक्ष द्वारा दायर किये गए वाराणसी के मुक़दमे में इंतजामिया कमेटी ने एक प्रार्थना पत्र दायर किया हुआ था। इसमें कहा गया था कि यह दावा क़ानूनी रूप से चलने योग्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शिवलिंग की सुरक्षा का आदेश इस प्रार्थना पत्र के निर्णय के आठ हफ्ते बाद तक जारी रहेगा। इंतजामिया कमेटी का प्रार्थना पत्र 12 सितम्बर 2022 को वाराणसी के जिला न्यायाधीश के द्वारा निरस्त कर दिया गया था। उसके बाद के आठ हफ्ते आज शुक्रवार,11 नवंबर 2022 को समाप्त हो रहे थे। इस स्थिति में माननीय सर्वोच्च न्यायलय से यह प्रार्थना की गयी कि शिवलिंग की सुरक्षा का आदेश आगे जारी रखा जाये।
विश्व हिन्दू परिषद् को प्रसन्नता है कि शिवलिंग की सुरक्षा के विषय पर किसी ने आपत्ति नहीं की। विरोधी पक्ष ने भी कहा उन्हें इस सुरक्षा को आगे बढ़ाने में कोई आपत्ति नहीं है। दोनों पक्षों की सहमति से यह सुरक्षा जारी रहेगी।
जारी कर्ता:
विनोद बंसल
राष्ट्रीय प्रवक्ता, विश्व हिंदू परिषद
@VHPDigital @Vinod_bansal