वाराणसी,केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में शुक्रवार को यहां रविदास घाट पर गंगा में बने सात सामुदायिक जेट्टी (घाट) का लोकार्पण और 08 जेट्टी का शिलान्यास किया। इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुकूल अगले 25 साल में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। प्रधानमंत्री मोदी का जो सपना है उस सपने को साकार करने के लिए हम संकल्पित हैं।
सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को मजबूत किया है। विकास के रास्ते पर चलने के लिए हमें प्रेरित दिया है। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की नीति के तहत कश्मीर से कन्याकुमारी, लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक विकास के लिए प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में काम हो रहा है। वाटरवेज, रेलवे, हवाई यातायात से लेकर देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है और अगले 25 साल में भारत आत्मनिर्भर देश होगा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने काशी विश्वनाथ धाम और काशी की जमकर सराहना की।
कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की काशी और उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प साकार हो रहा है। इनलैंड वॉटरवेज के जेट्टी के उद्घाटन से गतिविधियों में तेजी आएगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर डिब्रूगढ़ के बीच क्रूज के टाइम टेबल का लोकार्पण और हाइड्रोजन एवं इलेक्ट्रिक कैटामेरन के लिए अनुबंध पत्र का हस्तांतरण करने के बाद कहा कि चार जिलों- वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर एवं बलिया में जेट्टी के माध्यम से यहां की गतिवीधियों में तेजी लाई जा सके और इनलैंड वाटर-वे सुविधा का बेहतर लाभ दे सकें, इस उद्देश्य से आज इन जेट्टियों का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में जल परिवहन से तेजी आएगी। वाराणसी, बलिया, गाजीपुर और चंदौली में बन रहे 15 जेट्टी से पर्यटन की संभावना बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि जल परिवहन से यातायात भी सुगम होगा। इससे ट्रेन और सड़कों पर यातायात का दबाब जहां कम होगा वहीं सड़कों पर प्रदूषण भी कम होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश हमेशा इस बात के लिए तड़पता था कि राज्य चारों तरफ से जमीन से घिरा है। इसलिए हमारा उत्पाद जब तक बंदरगाहों तक पहुंचता था तबतक उसकी लागत ज्यादा हो जाती थी। इस कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार की प्रतिस्पर्धा में हमारे उत्पाद टिक नहीं पाते थे। उत्तर प्रदेश से चीनी, सब्जी, फल, मिर्च आदि एक्सपोर्ट करने में बहुत समस्या होती थी।
आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दो साल पहले जल परिवहन का पहला मार्ग वाराणसी से हल्दिया तक दिया। परिणाम ये रहा कि 2021-22 में ही हमने अकेले वाराणसी से 3700 करोड़ रुपये के ओडीओपी के सामानों को एक्सपोर्ट किया। इससे वाराणसी, भदोही, मिजापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, चंदौली और प्रयागराज के ओडीओपी से जुड़े किसान, शिल्पकार और कारीगरों को काफी मदद मिली। ना सिर्फ उनका मुनाफा बढ़ा बल्कि रोजगार के नये अवसर भी सृजित हुए। उन्होंने देव दीपावली और काशी विश्वनाथ धाम का जिक्र कर कहा कि बनारस में पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित तौर पर बढ़ोतरी हुई है। हम सबने देखा है कि सावन में एक करोड़ पर्यटक वाराणसी पहुंचे, इसके अलावा देव दीपावली पर भी बनारस के होटल, टैक्सी, रेस्टोरेंट से लेकर सामान्य व्यापरियों तक को लाभ हुआ है। इनलैंड वाटर-वे प्रारंभ होने से वाराणसी के साथ ही विंध्यवासिनी धाम, प्रयागराज, सोनभद्र, चंदौली और मिर्जापुर में पर्यटकों के आने के लिए सुगम यातायात का नया मार्ग तैयार हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गौरव की बात है कि काशी जल परिवहन का केंद्र बनने जा रहा है। इस दिशा में मल्टीमॉडल टर्मिनल, इंटरमॉडल टर्मिनल, हाईड्रोजन और इलेक्ट्रिक क्रूज मील के पत्थर साबित होंगे। कार्यक्रम को केंद्रीय राज्यमंत्री श्रीपद नाईक और शांतनु ठाकुर ने भी सम्बोधित किया।
साभार-हिस