नई दिल्ली, हरियाणा के रोहतक पीजीआई में छात्र बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं। इन छात्रों की मांगों को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने समर्थन किया है। बुधवार को आईएमए ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे मेडिकल छात्रों के खिलाफ राज्य की कठोर और दमनकारी कार्यों की निंदा करता है। एसोसिएशन ने हरियाणा के सीएम से मांगों पर विचार करने और बॉन्ड पॉलिसी को समाप्त या संशोधित करने का अनुरोध किया है।
आईएमए ने कहा कि छात्र-छात्राओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर रात के समय पानी की बौछार डालना और उनके खिलाफ पुलिस की कार्रवाई करना एक निंदनीय कदम है। मेडिकल के छात्र अपने अधिकारों के तहत अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण रूप से धरना प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदेश सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए था न कि उन पर पुलिस बल का प्रयोग करना चाहिए था। आईएमए इस कार्रवाई की निंदा करता है और प्रदेश सरकार से मांग करता है कि वे छात्रों की मांगों पर विचार करें।
एमबीबीएस विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार ने नई पॉलिसी जारी करते हुए अब विद्यार्थियों से 10 लाख रुपये प्रवेश के समय नहीं, बाद में लेने का दावा किया है। यही नहीं, प्रदेश का इकलौता एडेड मेडिकल कॉलेज भी पॉलिसी के दायरे में आ गया है। अब से यहां दो लाख रुपये में एमबीबीएस नहीं होगी। इसके लिए अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों की तरह 40 लाख रुपये ही लगेंगे।
साभार-हिस