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पराली जलाने से रोकने के लिए प्रभावी उपाय करें राज्य- भूपेन्द्र यादव

  • फसल अवशेष प्रबंधन के मुद्दों पर राज्यों के साथ मंत्रीस्तरीय अंतर-मंत्रालयी समीक्षा बैठक आयोजित

नई दिल्ली, दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर बुधवार को फसल अवशेष प्रबंधन के मुद्दों पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के साथ मंत्रीस्तरीय अंतर-मंत्रालयी समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि पराली जलाने से रोकने के लिए राज्य सरकारों को सभी प्रभावी उपाय करने चाहिए। इस दिशा में पूसा बायो-डीकंपोजर के व्यापक उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
पर्यावरण मंत्री यादव ने कहा कि केंद्र द्वारा दी गई दो लाख से ज्यादा मशीनें पर्याप्त है, जरूरी है कि इनका पूरा उपयोग किया जाए, जिससे समस्या का समाधान संभव है। केंद्र द्वारा प्रदूषण के अन्य कारकों को लेकर भी विचार किया गया है।

बैठक में जानकारी दी गयी कि राज्यों को केंद्र द्वारा पिछले 4 वर्षों के दौरान पहले से आपूर्ति 2.07 लाख मशीनों व चालू वर्ष के दौरान आपूर्ति की जाने वाली 47 हजार मशीनें दी गई जिसका प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने की जरूरत है। फसल अवशेष प्रबंधन पर केंद्रीय योजना के तहत सरकार पहले से ही पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को पराली जलाने के कारण दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। चालू वर्ष के दौरान केंद्र द्वारा अब तक 601.53 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। साथ ही, पिछले चार साल में दी गई राशि में से भी करीब 900 करोड़ रुपए राज्यों के पास उपलब्ध है। इस धनराशि का प्रभावी ढंग से उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी व तीनों केंद्रीय मंत्रालयों के उच्चाधिकारियों के साथ ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली व एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग, विद्युत मंत्रालय तथा अन्य केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
साभार-हिस

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