Home / National / ‘टू प्लस टू’ में रक्षा सामग्री और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का किया गया निश्चय
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

‘टू प्लस टू’ में रक्षा सामग्री और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का किया गया निश्चय

नई दिल्ली, भारत और जापान के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों की ‘टू प्लस टू’ वार्ता के दौरान दोनों देशों ने संयुक्त सेनाओं के बीच वार्ता प्रक्रिया शुरू करने तथा रक्षा सामग्री और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निश्चय किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के रक्षा मंत्री यासुकाज़ु हमदा और विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी के साथ गुरुवार को हिन्द-प्रशांत, दक्षिण चीन सागर तथा सामयिक विश्व घटनाक्रम पर व्यापक विचार विमर्श किया। दोनों देशों के बीच टू प्लस टू के तहत होने वाली दूसरी वार्ता थी। पिछली बैठक वर्ष 2019 में हुई थी।

विचार-विमर्श के बाद दोनों देशों के मंत्रियों ने साझा प्रेसवार्ता को संबोधित किया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमारी वार्ता दुनिया में जटिल घटनाक्रम और उथल-पुथल के बीच हो रही है। भारत-जापान दुनिया में नियम आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों और नियमों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधी और विदेश नीति के मामले में और निकट सहयोग की जरूरत हैं। हमारी वार्ता में आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने पर भी विशेष चर्चा हुई। साथ ही साइबर सुरक्षा, 5जी प्रौद्योगिकी और विशेष प्रकार के खनिज के संबंध में भी दोनों देश मिलकर काम कर रह हैं।

विदेश मंत्री ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि भारत और जापान पर स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और समृद्ध हिन्द-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने की विशेष जिम्मेदारी है। चार देशों के मंच क्वाड सहित विभिन्न बहुपक्षीय संगठनों के साथ मिलकर इस दिशा में काम किया जा सकता है।

यूक्रेन संघर्ष और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन की गतिविधियों का सीधा उल्लेख नहीं करते हुए दोनों देशों ने कहा कि विवादों का अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार शांतिपूर्ण समाधान करने की आवश्यकता है। दोनों देशों ने कहा कि शक्ति के जरिए एकतरफा तौर पर यथास्थिति में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए।

रक्षा सहयोग के बारे में दोनों देशों ने सेना के तीनों अंगों के बीच संयुक्त रूप से वार्ता प्रक्रिया शुरू किए जाने का फैसला किया।

रक्षा मंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमने दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग की प्रगति पर विचार-विमर्श किया। दोनों देशों ने द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों का दायरा बढ़ाने का भी निश्चय किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा साजो-समान और प्रोद्योगिकी में सहयोग दोनों देशों की प्राथमिकता है। वार्ता में भारत की ओर से उभरती एवं जरूरी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के पेशकश की।

दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने सुरक्षा बढ़ाने और सतर्कता के संबंध में भी चर्चा की। रक्षा मंत्री ने भारत के रक्षा गलियारा परियोजना में निवेश के लिए जापानी कंपनियों को आमंत्रित किया।

दोनों देशों के मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार तथा चार देशों के संगठन जी4 के बीच संवाद एवं संपर्क पर भी चर्चा की। दोनों देशों ने दक्षिण-पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया और अफ्रीका में विकास गतिविधियों के लिए सहयोग करने का भी निश्चय किया।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

प्रधानमंत्री मोदी काे मिला कुवैत का सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’

नई दिल्ली। कुवैत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान “द ऑर्डर का मुबारक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *