नई दिल्ली। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर लाल किला से झंडोत्तोलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे इस संकल्प में भारत के ‘आत्मनिर्भर’ भारत के उज्जवल भविष्य के वो बीज मैं देख रहा हूं जो इस सपनों को वट वृक्ष में परिवर्तित करने वाले हैं। Salute! Salute! मेरे सेना के अधिकारियों को Salute. मैं मेरे छोटे छोटे बालकों को 5 साल 7 साल की आयु के बालक, उनको भी Salute करना चाहता हूं। उनको भी सलाम करना चाहता हूं। जब देश के सामने चेतना जगी, मैंने सैंकड़ों परिवारों से सुना है, 5-5, 7 साल के बच्चे घर में कह रहें हैं कि अब हम विदेशी खिलौने से नहीं खेलेंगे। 5 साल का बच्चा घर में विदेशी खिलौने से नहीं खेलेंगे, ये जब संकल्प करता है ना तब आत्मनिर्भर भारत उसकी रगों में दौड़ता है। आप देखिए पीएलआई स्कीम, एक लाख करोड़ रुपया, दुनिया के लोग हिन्दुस्तान में अपना नसीब आजमाने आ रहे हैं। टेक्नोलॉजी लेकर के आ रहे हैं। रोजगार के नये अवसर बना रहे हैं। भारत मैन्यूफैक्चिरिंग हब बनता जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत कि बुनियाद बना रहा है। आज electronic goods manufacturing हो, मोबाइल फोन का manufacturing हो, आज देश बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है। जब हमारा ब्रह्मोस दुनिया में जाता है, कौन हिन्दुस्तानी होगा जिसका मन आसमान को न छूता होगा दोस्तों। आज हमारी मेट्रो coaches, हमारी वंदे भारत ट्रेन विश्व के लिए आकर्षण बन रहा है।
उन्होंने कहा कि हमें आत्मनिर्भर बनना है, हमारे एनर्जी सेक्टर में। हम कब तक एनर्जी के सेक्टर में किसी और पर dependent रहेंगे और हमें सोलार का क्षेत्र हो, विंड एनर्जी का क्षेत्र हो, रिन्यूएबल के और भी जो रास्ते हों, मिशन हाइड्रोजन हो, बायो फ्यूल की कोशिश हो, electric vehicle पर जाने की बात हो, हमें आत्मनिर्भर बनकर के इन व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाना होगा।
उन्होंने कहा कि आज प्राकृतिक खेती भी आत्मनिर्भर का एक मार्ग है। फर्टीलाइज़र से जितनी ज्यादा मुक्ति, आज देश में नेनो फर्टीलाइज़र के कारखाने एक नई आशा लेकर के आए हैं। लेकिन प्राकृतिक खेती, केमिकल फ्री खेती आत्मनिर्भर को ताकत दे सकती है। आज देश में रोजगार के क्षेत्र में ग्रीन जॉब के नए-नए क्षेत्र बहुत तेजी से खुल रहे हैं। भारत ने नीतियों के द्वारा ‘स्पेस’ को खोल दिया है। ड्रोन की बहुत दुनिया में सबसे प्रगतिशील पॉलिसी लेकर के आए हैं। हमने देश के नौजवानों के लिए नए द्वार खोल दिए हैं।
उन्होंने कहा कि मैं प्राइवेट सेक्टर को भी आह्वान करता हूं आइए… हमें विश्व में छा जाना है। आत्मनिर्भर भारत का ये भी सपना है कि दुनिया को भी जो आवश्यकताए हैं उसको पूरा करने में भारत पीछे नहीं रहेगा। हमारे लघू उद्योग हो, सूक्ष्म उद्योग हो, कुटीर उद्योग हो, ‘जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट’ हमें करके दुनिया में जाना होगा। हमें स्वदेशी पर गर्व करना होगा।
उन्होंने कहा कि हम बार-बार लाल बहादुर शास्त्री जी को याद करते हैं, जय जवान-जय किसान का उनका मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है। बाद में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जय विज्ञान कह करके उसमें एक कड़ी जोड़ दी थी और देश ने उसको प्राथमिकता दी थी। लेकिन अब अमृतकाल के लिए एक और अनिवार्यता है और वो है जय अनुसंधान। जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय अनुसंधान- इनोवेशन। और मुझे मेरे देश की युवा पीढ़ी पर भरोसा है। इनोवेशन की ताकत देखिए, आज हमारा यूपीआई-भीम, हमारा डिजिटल पेमेंट, फिनटेक की दुनिया में हमारा स्थान, आज विश्व में रियल टाइम 40 पर्सेंट अगर डिजिटली फाइनेशियल का ट्रांजेक्शन होता है तो मेरे देश में हो रहा है, हिन्दुस्तान ने ये करके दिखाया है।
उन्होंने कहा कि अब हम 5जी के दौर की ओर कदम रख रहे हैं। बहुत दूर इंतजार नहीं करना होगा, हम कदम मिलाने वाले हैं। हम ऑप्टिकल फाइबर गांव-गांव में पहुंचा रहे हैं। डिजिटल इंडिया का सपना गांव से गुजरेगा, ये मुझे पूरी जानकारी है। आज मुझे खुशी है हिन्दुस्तान के चार लाख कॉमन सर्विस सेंटर्स गांवों में विकसित हो रहे हैं। गांव के नौजवान बेटे-बेटियां कॉमन सर्विस सेंटर चला रहे हैं। देश गर्व कर सकता है कि गांव के क्षेत्र में चार लाख Digital Entrepreneur का तैयार होना और सारी सेवाएं लोग गांव के लोग उनके यहां लेने के लिए आदी बन जाएं, ये अपने-आप में टेक्नोलॉजी हब बनने की भारत की ताकत है।
उन्होंने कहा कि ये जो डिजिटल इंडिया का मूवमेंट है, जो सेमीकंडक्टर की ओर हम कदम बढ़ा रहे हैं, 5जी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, ऑप्टिकल फाइबर का नेटवर्क बिछा रहे हैं, ये सिर्फ आधुनिकता की पहचान है, ऐसा नहीं है। तीन बड़ी ताकतें इसके अंदर समाहित हैं। शिक्षा में आमूल-चूल क्रांति- ये डिजिटल माध्यम से आने वाली है। स्वास्थ्य सेवाओं में आमूल-चूल क्रांति डिजिटल से आने वाली है। कृषि जीवन में भी बहुत बड़ा बदलाव डिजिटल से आने वाला है। एक नया विश्व तैयार हो रहा है। भारत उसे बढ़ाने के लिए और मैं साफ देख रहा हूं दोस्तों ये Decade, मानव जाति के लिए tecahade का समय है, टेक्नोलॉजी का Decade है। भारत के लिए तो ये tecahade , जिसका मन टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ है। आईटी की दुनिया में भारत ने अपना एक लोहा मनवा लिया है, ये tecahade का सामर्थ्य भारत के पास है।
उन्होंने कहा कि हमारा अटल इनोवेशन मिशन, हमारे incubation centre, हमारे स्टार्टअप एक नया, पूरे क्षेत्र का विकास कर रहे हैं, युवा पीढ़ी के लिए नए अवसर ले करके आ रहे हैं। स्पेस मिशन की बात हो, हमारे Deep Ocean Mission की बात हो, समंदर की गहराई में जाना हो या हमें आसमान को छूना हो, ये नए क्षेत्र हैं, जिसको ले करके हम आगे बढ़ रहे हैं।
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