Home / National / भारत की विविधता ही भारत की अनमोल शक्ति है – मोदी

भारत की विविधता ही भारत की अनमोल शक्ति है – मोदी

नई दिल्ली। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर लाल किला से झंडोत्तोलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 75 साल की हमारी ये यात्रा अनेक उतार-चढ़ाव से भरी हुई है। सुख-दु:ख की छाया मंडराती रही है और इसके बीच भी हमारे देशवासियों ने उपलब्धियां की हैं, पुरुषार्थ किया है, हार नहीं मानी है। संकल्‍पों को ओझल नहीं होने दिया है। और इसलिए, और ये भी सच्‍चाई है कि सैंकड़ों सालों के गुलामी के कालखंड ने भारत के मन को, भारत के मानवी की भावनाओं को गहरे घाव दिए थे, गहरी चोटें पहुंचाई थीं, लेकिन उसके भीतर एक जिद भी थी, एक जिजीविषा भी थी, एक जुनून भी था, एक जोश भी था। और उसके कारण अभावों के बीच में भी, उपहास के बीच में भी और जब आजादी की जंग अंतिम चरण में था तो देश को डराने के लिए, निराश करने के लिए, हताश करने के लिए सारे उपाय किए गए थे। अगर आजादी आई अंग्रेज चले जाएंगे तो देश टूट जाएगा, बिखर जाएंगे, लोग अंदर-अंदर लड़ करके मर जाएंगे, कुछ नहीं बचेगा, अंधकार युग में भारत चला जाएगा, न जाने क्‍या—क्‍या आशंकाएं व्‍यक्‍त की गई थीं। लेकिन उनको पता नहीं था ये हिन्‍दुस्‍तान की मिट्टी है, इस मिट्टी में वो सामर्थ्‍य है जो शासकों से भी परे सामर्थ्‍य का एक अंतरप्रभाव लेकर जीता रहा है, सदियों तक जीता रहा है और उसी का परिणाम है, हमने क्‍या कुछ नहीं झेला है, कभी अन्‍न का संकट झेला, कभी युद्ध के शिकार हो गए।


उन्होंने कहा कि आंतकवाद ने डगर-डगर चुनौतियां पैदा कीं, निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया गया। छद्म युद्ध चलते रहे, प्राकृतिक आपदाएं आती रही, सफलता विफलता, आशा निराशा, न जाने कितने पड़ाव आए हैं। लेकिन इन पड़ाव के बीच भी भारत आगे बढ़ता रहा है। भारत की विविधता जो औरों को भारत के लिए बोझ लगती थी। वो भारत की विविधता ही भारत की अनमोल शक्ति है। शक्ति का एक अटूट प्रमाण है। दुनिया को पता नहीं था कि भारत के पास एक inherent सामर्थ्य है, एक संस्कार सरिता है, एक मन मस्तिष्क् का, विचारों का बंधन है। और वो है भारत लोकतंत्र की जननी है, Mother of Democracy है और जिनके जहन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प कर के चल पड़ते हैं, वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी-बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर के आती है। ये Mother of Democracy, ये लोकतंत्र की जननी, हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास एक अनमोल सामर्थ्य है।
उन्होंने कहा कि 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार, चढ़ाव सब चीज के बीच में हरेक के प्रयास से हम जहां तक पहुंच पाए पहुंचे थे, और 2014 में देशवासियों ने मुझे दायित्व दिया। आजादी के बाद जन्मा हुआ मैं पहला व्यक्ति था जिसको लाल किले से देशवासियों को गौरवगान करने का अवसर मिला था। लेकिन मेरे दिल में जो भी आप लोगों से सीखा हूँ। जितना आप लोगों को जान पाया हूं मेरे देशवासियों, आपके सुख दुख को समझ पाया हूँ । देश की आशा अपेक्षाओं के भीतर वो कौन सी आत्मा बसती है, उसको जितना मैं समझ पाया हूं, उसको लेकर के मैंने अपना पूरा कालखंड देश के उन लोगों को empower करने में खपाया। मेरे दलित हो, शोषित हो, पीड़ित हो, वंचित हो, आदिवासी हो, महिला हो, युवा हो, किसान हो, दिव्यांग हो, पूर्व हो, पश्चिम हो, उत्तर हो, दक्षिण हो, समुद्र का तट हो, हिमालय की कन्दराएँ हो, हर कोने में महात्मा गांधी का जो सपना था आखिरी इंसान की चिंता करने का, महात्मा गांधी जी की जो आकांक्षा थी अंतिम छोर पर बैठे हुए व्यक्ति को समर्थ बनाने की, मैंने अपने आप को उसके लिए समर्पित किया है, और उन 8 साल का नतीजा और आजादी के इतने दशकों का अनुभव आज 75 साल के बाद जब अमृत काल की ओर कदम रख रहे हैं, अमृत काल की ये पहली प्रभात है तब मैं एक एैसे सामर्थ्य को देख रहा हूं। और जिससे मैं गर्व से भर जाता हूं।

Share this news

About desk

Check Also

नौसेना को मिले अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’ जहाज

पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का ‘ब्लू वाटर’ में मुकाबला करने में सक्षम हैं दोनों जहाज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *