नई दिल्ली, दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2012 में महाराष्ट्र में कोयला ब्लॉक के आवंटन के मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता की सजा की अवधि पर फैसला सुरक्षित रख लिया। स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 8 अगस्त को फैसला सुनाने का आदेश दिया।
29 जुलाई को कोर्ट ने एचसी गुप्ता और पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा को भ्रष्टाचार का दोषी करार दिया था। कोर्ट ने इस मामले के आरोपित ग्रेस इंडस्ट्रीज और उसके डायरेक्टर मुकेश गुप्ता को भी दोषी करार दिया था। 197 पेज के फैसले में कोर्ट ने कहा था कि एचसी गुप्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव के साथ तीन बार की बैठकों में उन्हें महाराष्ट्र के लोहारा पूर्वी कोयला ब्लॉक आवंटन के मामले में गलत सूचना दी।
सीबीआई ने इस मामले में 20 सितंबर, 2012 को केस दर्ज किया था। चारों दोषियों पर आरोप था कि उन्होंने कोयला मंत्री और केंद्र सरकार के साथ धोखाधड़ी करने के लिए आपराधिक साजिश रची। इन दोषियों ने साजिश रचकर लोहारा पूर्वी कोयला ब्लॉक का आवंटन ग्रेस इंडस्ट्रीज को दिलवाने में मदद की। दोषियों ने ग्रेस इंडस्ट्रीज की कुल परिसंपत्तियों के बारे में झूठी जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि एचसी गुप्ता इसके पहले भी तीन कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला के मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 दिसंबर, 2020 को झारखंड में एक कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में एचसी गुप्ता को तीन तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। 5 दिसंबर, 2018 को पश्चिम बंगाल के मोइरा और मधुजोर कोल ब्लॉक के आवंटन में गड़बड़ी करने के मामले में एचसी गुप्ता को दोषी करार दिया गया था। 16 दिसंबर, 2017 को झारखंड में राजहरा कोयला ब्लॉक के आवंटन के मामले में एचसी गुप्ता को दोषी करार दिया गया था।
साभार -हिस