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शिविर जीवन निर्माण की कहानी- मुनि जिनेश कुमार
कटक. युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के. सान्निध्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा सेठिया सदन में आयोजित पंचदिवसीय संस्कार निर्माण शिविर का समापन समारोह सिटीमार्ट सोसाइटी के प्रांगण में आयोजित हुआ. संस्कार निर्माण शिविर समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा आधुनिक युग में संस्कारों व संस्कृति के संरक्षण लिए धार्मिक शिविरों की बहुत आवश्यकता है. शिविर- शब्द का अर्थ है- शिक्षा और विवेक में रमण करना है. शिविर जीवन निर्माण की कहानी है. शिविर में ज्ञान, दर्शन, चारित्र की अभिवृद्धि होती है. शिविर से बच्चों का जीवन सुसंस्कारों से संस्कारित व परिमार्जित होता है. शिविर में स्वभाव परिवर्तन की प्रक्रिया है. पांच दिनों में बच्चों को विविध मुखी प्रशिक्षण दिया गया है. सभी शिविरार्थी शिविर में प्राप्त संस्कारों व ज्ञान की सुवास को अपने घर-परिवार में फैलायें तथा वे मोबाइल, टीवी आदि के अनावश्यक प्रयोग से बचकर अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाएं. संस्कारों से व्यक्ति की पहचान होती है. संस्कार युक्त और संस्कार हीन व्यक्ति में उतना ही अंतर होता है, जितना गंगा के पानी और गटर के पानी में होता है. शिविर में बच्चों का अनुशासन देखने जैसा था. कार्यकर्ताओं को जागरूकता से शिविर की सफलता में चार चांद लग गए.
मंगलाचरण बाल मुनि कुणाल कुमार ने किया. इस अवसर पर तेरापंथी सभा के उपाध्यक्ष हनुमानमल सिंधी, पूर्व अध्यक्ष मंगलचंद चोपड़ा, ज्ञानशाला प्रशिक्षिका किरण बेंगानी, सिटी मार्ट के अध्यक्ष बजरंगलाल चांडक, शिविरार्थी शिखा सेठिया, माही दुग्गड़, वैशाली सेठिया, हर्ष चौपड़ा, भव्या फुलफगर, मुस्कान सेठिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए अनुभव व्यक्त किये. शिविर रिपोर्ट सौरभ सेठिया ने प्रस्तुत की. शिविरार्थियों ने परिसंवाद प्रस्तुत किया. आभार ज्ञापन इंद्रकुमार दुग्गड़ शिविर संयोजक ने किया. कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद ने व पुरस्कार वितरण का संचालन सौरभ सेठिया ने किया. शिविर में आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को तेरापंथी सभा द्वारा पुरस्कृत किया गया. शिविर को सफल बनाने में तेरापंथी सभा, ते.यु.प.तेरापंथ महिला मंडल, ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं के अतिरिक्त ऋषभ दूग्गड़, सौरभ सेठिया, मुदित कोठारी, जितेन्द्र चोरड़िया, ऋषभ सिंघी का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा.