नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का हिस्सा बनने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर 27 सितंबर 2014 का संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिया अपना भाषण भी साझा किया है जिसमें उन्होंने 21 जून के दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित करने का आग्रह किया था। बाद में संयुक्त राष्ट्र ने प्रधानमंत्री के सुझाव पर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को ट्वीट में कहा, “कुछ ही दिनों बाद दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। मेरा आग्रह है कि आप सभी योग दिवस का हिस्सा बनें और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इसके एक नहीं, अनेक लाभ हैं…”
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2014 के अपने भाषण में कहा था, “योग हमारी पुरातन पारंपरिक अमूल्य देन है। योग मन व शरीर विचार व कर्म संयम व उपलब्धि की एकात्मता का तथा मानव व प्रकृति के बीच सामंजस्य का मूर्त रूप है। यह स्वास्थ्य व कल्याण का समग्र दृष्टिकोण है। योग केवल व्यायाम भर न होकर अपने आप से तथा विश्व व प्रकृति के साथ तादाम्य को प्राप्त करने का माध्यम है। यह हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर तथा हममें जागरुकता उत्पन्न करके जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक हो सकता है। आईये हम एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को आरंभ करने की दिशा में कार्य करें।”
इस वीडियो में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत की पहल पर 21 जून के दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किये जान पर प्रसन्नता व्यक्त करती दिखाई गई है। उन्होंने कहा कि 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा को संबोधित करते हुए ये चाहा था कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। मात्र 75 दिनों में 177 देशों के सह संयोजक बनकर ये प्रस्ताव पारित हुआ। यह अपने आप में कीर्तिमान बना कि 177 देश सह प्रायोजक बने। योग केवल व्यायाम नहीं है। योग एक तनाव ग्रस्त व्यक्ति का तनाव से मुक्त करता है। योग अशांत मन को शांत करता है।
साभार-हिस
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